पटना, 29 जून . कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने वक्फ कानून को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर देशभर में लोगों में गुस्सा और आक्रोश है. लोग इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं और इसे तत्काल वापस लेना चाहिए.
उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून अल्पसंख्यक समुदाय के हितों के खिलाफ है और इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और संरक्षण अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. नया कानून वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को कमजोर करेगा और इसका दुरुपयोग हो सकता है. सरकार को जनभावनाओं का सम्मान करना चाहिए और जबरन कोई कानून थोपने से बचना चाहिए.
इसके साथ ही, अखिलेश प्रसाद सिंह ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की हालिया टिप्पणी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति को संसदीय मर्यादा का पालन करना चाहिए और ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए, जो विवाद को जन्म दे. उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक है और इसकी गरिमा बनाए रखना उनका दायित्व है. ऐसी टिप्पणियां न केवल संसदीय परंपराओं को कमजोर करती हैं, बल्कि जनता के बीच भी गलत संदेश देती हैं.
दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को भारतीय संविधान की प्रस्तावना को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी संविधान की प्रस्तावना उसकी आत्मा होती है और भारतीय संविधान की प्रस्तावना अद्वितीय है. विश्व में भारत को छोड़कर किसी भी देश की संविधान की प्रस्तावना में बदलाव नहीं हुआ है. समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता जैसे शब्दों का जोड़ा जाना संविधान निर्माताओं की भावना के साथ धोखा है. ये शब्द नासूर हैं, जो उथल-पुथल पैदा करेंगे. यह हमारे हजारों वर्षों की सभ्यता की संपदा और ज्ञान का अपमान है. यह सनातन की आत्मा का अपवित्र अनादर है.
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एकेएस/डीएससी