अजमेर, 1 जनवरी . राजस्थान के अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 813वां उर्स बुधवार को चांद दिखने के साथ शुरू हो गया. सूफी फाउंडेशन के चेयरमैन और अजमेर दरगाह के गद्दीनशीन हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने इस मौके पर लोगों को मुबारकबाद दी.
हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने से कहा, “बुधवार से गरीब नवाज का सालाना उर्स चांद दिखने के साथ शुरू हो गया है.”
उन्होंने सभी को उर्स मुबारकबाद देते हुए कहा, “पिछले 10 साल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दरगाह में चादर भेज रहे हैं. यह सिलसिला देश की आजादी 1947 के समय से है कि जो भी देश का प्रधानमंत्री है, वह हर साल दरगाह में चादर के साथ देश के नाम संदेश भी भेजता है, जिसमें अमन चैन और भाईचारे की दुआ की जाती है.”
खादिम दरगाह सैयद मुनव्वर चिश्ती ने बताया कि “चांद दिखने के साथ ही आज ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स की शुरुआत हो गई है. इसके साथ ही साल में चार बार खुलने वाले जन्नती दरवाजे को भी खोल दिया गया है, जो अगले छह दिन तक खुला रहेगा. मान्यता है कि जन्नती दरवाजे से दरगाह में जाने वाले को जन्नत नसीब होती है, इसलिए बड़ी संख्या में जायरीन जन्नती दरवाजे से दरगाह की जियारत करते हैं.”
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के अजमेर में आयोजित होने वाले ख्वाजा गरीब नवाज के 813वें उर्स के अवसर पर पीएम मोदी 4 जनवरी को चादर भेजेंगे. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू उनकी तरफ से चादर लेकर अजमेर स्थित दरगाह जाएंगे.
यह चादर प्रधानमंत्री मोदी एक दिन पहले दिल्ली में दरगाह से जुड़े विभिन्न पक्षों को सौंपेंगे और इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली से अजमेर जाएगा. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने इस आयोजन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. दरगाह कमेटी, दरगाह दीवान, अंजुमन सैयद जादगान जैसे संगठनों से भी नाम मांगे गए हैं.
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एससीएच/एकेजे