नई दिल्ली, 7 फरवरी . अजित पवार गुट ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की, जिसमें महाराष्ट्र के उपप्रमुख के नेतृत्व वाली पार्टी को मान्यता देने वाले चुनाव आयोग (ईसी) के फैसले को चुनौती देने के लिए शरद पवार गुट द्वारा संभावित कदम की आशंका जताई गई है. आयोग ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले गुट को “असली” राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) करार दिया है और पार्टी का चुनाव चिह्न “घड़ी” इसी गुट को आवंटित किया है.
अजित पवार से अलग हुए गुट को पार्टी का नाम और ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न सौंपने के चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना करते हुए महाराष्ट्र एनसीपी-एसपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने मंगलवार को कहा : “शरद पवार जहां भी जाते हैं, एनसीपी उनके साथ जाती है… चुनाव आयोग का यह फैसला सही नहीं है. शीर्ष अदालत में यह टिक नहीं पाएगा, हमें स्टे मिलने का भरोसा है.”
पाटिल ने कहा कि पार्टी छह फरवरी के चुनाव आयोग के फैसले को जल्द ही शीर्ष अदालत में चुनौती देगी.
शरद गुट के शीर्ष अदालत पहुंचने से पहले अजित पवार गुट ने वकील अभिकल्प प्रताप सिंह के जरिए से एक कैविएट दायर की है, जिसमें कहा गया है कि शीर्ष अदालत द्वारा कोई भी आदेश पारित किए जाने से पहले उसकी दलील सुनी जानी चाहिए.
कैविएट एक वादी द्वारा अपीलीय अदालत को सौंपे गए नोटिस के रूप में कार्य करता है, जो किसी प्रतिद्वंद्वी की अपील के संबंध में कोई आदेश जारी होने की स्थिति में सुनवाई की इच्छा रखता है, जो निचली अदालत या अर्ध-न्यायिक निकाय द्वारा किए गए निर्णय को चुनौती देता है.
एनसीपी पिछले साल जुलाई में बंट गई थी, जब अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल होने के लिए अपने चाचा और एनसीपी संस्थापक शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दिया था. इसके बाद दोनों पक्षों ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया था.
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