गुरुग्राम, 25 सितंबर . एयरटेल की ओर से बुधवार को स्पैम कॉल और मैसेज रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल लॉन्च किया गया है. इस एआई टूल के माध्यम से कॉल और मैसेज के आते ही यूजर्स को स्पैम का पता लग जाएगा.
कुछ दिनों पहले टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की ओर से टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल और मैसेज रोकने का सख्त आदेश दिया गया था. एयरटेल के प्रबंधक निदेशक और सीईओ गोपाल विट्टल ने से बातचीत करते हुए कहा, “इस एआई टूल के माध्यम से आसानी से 99.5 स्पैम मैसेज और 97 प्रतिशत स्पैम कॉल को पहचाना जा सकता है.”
उन्होंने एआई मॉडल के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे नेटवर्क में प्रतिदिन 1.5 अरब मैसेज और 2.5 अरब कॉल आते हैं. इस एआई मॉडल के माध्यम से हम 2 मिली सेकंड में हर मैसेज और कॉल को ट्रैक करके 250 पैरामीटर पर परख कर बता सकते हैं कि कॉल और मैसेज स्पैम है या नहीं.”
विट्टल ने बताया कि एयरटेल की ओर से इस एआई मॉडल पर करीब एक साल से काम किया जा रहा था. एयरटेल की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि इस एआई टूल के आने के बाद जब भी यूजर्स को कोई स्पैम कॉल या मैसेज आएगा, तो उसके डायल पैड पर स्पैम लिखा आएगा. इससे आसानी से यूजर्स स्पैम कॉल और मैसेज की पहचान कर पाएंगे.
विट्टल ने आगे कहा कि डायल पैड पर स्पैम की जानकारी मिलने से यूजर्स सजग हो जाएंगे. ऐसें धोखाधड़ी का भी खतरा कम हो जाएगा. फिलहाल, हम इस एआई टूल के माध्यम से 97 प्रतिशत स्पैम कॉल पहचान कर पा रहे हैं. हमारी कोशिश आने वाले समय में बाकी बचे 3 प्रतिशत को भी कवर करने की है.
आगे कहा कि सभी यूजर्स के लिए यह सर्विस फ्री है और इसके लिए कोई स्पेशल एप्लीकेशन डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं है. इससे पहले ट्राई की ओर से सभी टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया गया था कि अनवेरीफाइड यूआरएल या एपीके वाले सभी मैसेजेस को 1 सितंबर, 2024 से ब्लॉक कर दिया जाए. फिर बाद में इसकी डेडलाइन को एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया था.
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एबीएस/एफजेड