नई दिल्ली,30 अगस्त भारतीय वायु सेना की पहली मल्टीनेशन एयर एक्सरसाइज तरंगशक्ति-2024 का दूसरा शुक्रवार को जोधपुर में प्रारंभ हो रहा है. तरंगशक्ति का दूसरा चरण 30 अगस्त से 14 सितंबर तक चलेगा.
यह विश्व के समक्ष भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाने का भी एक बड़ा अवसर है. यही कारण है कि जोधपुर में भारतीय रक्षा उपकरणों की शानदार एग्जिबिशन होगी. इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास में भारतीय वायु सेना के साथ अमेरिकन एयर फोर्स व अन्य राष्ट्र संयुक्त अभ्यास करते दिखाई देंगे. सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, बांग्लादेश श्रीलंका, जापान और यूएई आदि देशों के लड़ाकू विमान भी इस अभ्यास का हिस्सा बनेंगे.
शुक्रवार शाम अभ्यास तरंग शक्ति के दूसरे चरण का आगाज होगा. इस बहुराष्ट्रीय एयर फोर्स एक्सरसाइज का एक मुख्य फोकस आत्मनिर्भरता के तहत स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन करना है. अभ्यास के दौरान सुलूर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की मेड इन इंडिया प्रदर्शनी आयोजित की गई थी. अभ्यास के दूसरे चरण में जोधपुर में भी भारतीय उपकरणों की ऐसी प्रदर्शनी लगाई जाएगी.
अभ्यास में भारत के स्वदेशी एलसीए तेजस, एलसीएच प्रचंड और अन्य हथियार प्रणालियों सहित मेक-इन-इंडिया उपकरण को प्रदर्शित किया जा रहा है. भारतीय वायु सेना अपने राफेल, सुखोई, मिराज, जगुआर, तेजस, मिग-29 फाइटर जेट और प्रचंड व रुद्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर के साथ प्रदर्शन करेगी. इस अभ्यास में भारत के एएलएच ध्रुव, सी-130, आईएल-78 भी अपनी क्षमता दिखाएंगे. तरंग-शक्ति 2024 का ये दूसरा चरण है.
इससे पहले तमिलनाडु के सुलूर में इसका पहला चरण पूरा किया गया था. जोधपुर में आयोजित दूसरे चरण में तेजस, सुखोई के साथ लूफ्तवाफे जर्मन एयर फोर्स, स्पेनिश एयरफोर्स के यूरोफाइटर टाइफून एक्सरसाइज में उड़ान भरेंगे. वहीं अमेरिका का एफ-16 यहां नजर आ सकता है. इस अभ्यास में भाग लेने के लिए कुल 51 देशों को आमंत्रित किया गया है. जिन देशों को इसमें आमंत्रित किया गया है उनमें बांग्लादेश भी शामिल है, और बांग्लादेश इस अभ्यास के दूसरे चरण का हिस्सा बन रहा है. अभ्यास की पहले चरण में जर्मनी स्पेन और इंग्लैंड टाइफून फाइटर प्लेन का इस्तेमाल करते दिखे थे.
वहीं फ्रांस की ओर से इस सैन्य अभ्यास में राफेल फाइटर जेट शामिल हुए. अब अमेरिका व ग्रीस समेत कई अन्य देश 14 सितंबर तक जोधपुर में आयोजित होने वाले अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ के दूसरे चरण में शामिल हो रहे हैं. वायु सेना भारत में पहला बहुराष्ट्रीय अभ्यास तरंग शक्ति का आयोजन कर रही है. इस अभ्यास के प्रथम चरण के पहले दिन फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड और स्पेन समेत भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने सुलूर स्थित तमिलनाडु के एयरफोर्स स्टेशन पर पौधारोपण किया था.
इस अभ्यास में रूस को आमंत्रित किया गया था. गौरतलब है कि रूस लंबे समय से यूक्रेन के साथ हो रहे युद्ध में है. संघर्ष के कारण वह इस अभ्यास में भाग नहीं ले रहा है. ‘तरंग शक्ति’ युद्धाभ्यास में 12 वायु सेनाओं के फाइटर व स्ट्रैटेजिक विमान शामिल हो सकते हैं.
इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, जर्मनी व यूएई के फाइटर जेट शामिल हैं. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि तरंग शक्ति युद्धाभ्यास अमेरिका के ‘रेड फ्लैग वॉर गेम’ के स्तर का होगा. ‘रेड फ्लैग वॉर गेम’ में नाटो देश रहते हैं.
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जीसीबी/पीएसएम/केआर