स्वास्थ्य समाधानों के लिए साथ आए एम्स, आईआईटी और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन

नई दिल्ली, 22 नवंबर . अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स-नई दिल्ली), आईआईटी दिल्ली और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) ने मेडिकल समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए सहयोग करने का निर्णय लिया है. पहली बार यह तीनों प्रमुख संस्थान नई तकनीकों को विकसित करने के लिए एक साथ आए हैं. इस महत्वपूर्ण कदम से चिकित्सा विज्ञान, इंजीनियरिंग व इनसे जुड़े नवाचार को एक संयुक्त मंच मिलेगा.

इन तीनों संस्थानों की विशेषज्ञता से स्वास्थ्य की बड़ी चुनौतियों का समाधान खोजा जा सकेगा. शुक्रवार को आईआईटी दिल्ली में एम्स, आईआईटी और यूसीएल ने अनुसंधान और नवाचार में साझेदारी के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

आईआईटी दिल्ली के मुताबिक यह महत्वपूर्ण साझेदारी, तीनों संस्थानों में उद्योग कनेक्शन का लाभ उठाने की कोशिश करेगी. इसके साथ-साथ यह साझेदारी स्वास्थ्य सेवा में प्रौद्योगिकी और नवाचार केंद्रित समाधान तैयार करने का मार्ग प्रशस्त करेगी.

इनका लक्ष्य स्वास्थ्य समस्या की पहचान, निदान और इमेजिंग जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में चिकित्सा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र को आगे बढ़ाना है. तीनों विश्व स्तरीय संस्थान उपकरण और प्रत्यारोपण, सहायक प्रौद्योगिकियां, डिजिटल स्वास्थ्य, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्वांटम व शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे. यह साझेदारी छात्र आदान-प्रदान, संयुक्त रिसर्च, कोलैबोरेटिव डिग्री, कार्यशालाओं, सम्मेलनों, संयुक्त प्रकाशनों के विकास पर आधारित की जाएगी.

सेंटर फॉर मेडिकल इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (एम्स) के प्रमुख, प्रोफेसर आलोक ठाकर के मुताबिक, “एम्स, आईआईटी दिल्ली और यूसीएल के बीच यह त्रिपक्षीय साझेदारी कुछ सबसे गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान में एक परिवर्तनकारी कदम है. हमारी विशेषज्ञता को मिलाकर चिकित्सा विज्ञान, इंजीनियरिंग और वैश्विक नीति में हम मेड-टेक नवाचार के लिए एक मंच बना रहे हैं. साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य प्रभावशाली समाधान विकसित करना, चिकित्सा प्रौद्योगिकी और अनुसंधान में नए मानक स्थापित करना है.”

आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने कहा, “आईआईटी दिल्ली चिकित्सा प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में एम्स और यूसीएल के साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित है. हमारा मानना ​​है कि विज्ञान, इंजीनियरिंग, चिकित्सा अनुसंधान और नवाचार लोगों के जीवन में बदलाव ला सकते हैं. इससे सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा सकेंगी. हमारी साझेदारी चिकित्सा प्रौद्योगिकी में लागत प्रभावी नवाचारों के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तैयार है.”

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के अध्यक्ष और प्रोवोस्ट डॉ. माइकल स्पेंस के मुताबिक, “वह जानते हैं कि तीनों संस्थानों के माध्यम से विभिन्न विषयों को एक साथ लाने में कितनी ताकत हो सकती है. दो प्रसिद्ध भारतीय संस्थानों के साथ नई साझेदारी शुरू करने पर वह सम्मानित और उत्साहित हैं. लोगों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाने के लिए वह एक साथ महान उपलब्धियां हासिल करेंगे.”

जीसीबी/एबीएम