एम्स देवघर दीक्षांत समारोह: राष्ट्रपति मुर्मू ने डॉक्टरों से संवेदनशील बनने का आह्वान किया

देवघर, 31 जुलाई . राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने Thursday को झारखंड के देवघर स्थित एम्स के प्रथम दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए डॉक्टरों का आह्वान किया कि वे चिकित्सकीय दक्षता हासिल करने के साथ संवेदनशील इंसान बनें.

राष्ट्रपति ने कहा कि इस बात की गारंटी मानी जाती है कि एम्स जैसे संस्थान से मेडिकल की डिग्री हासिल करने वाले कुशल डॉक्टर बनते हैं. डिग्री लेने वाले छात्रों को संकल्प लेना चाहिए कि एक डॉक्टर के रूप में मरीजों और उनके परिजनों के प्रति हमेशा संवेदनशील रहेंगे. डॉक्टरों को केवल क्लिनिकल स्किल्स तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उनमें सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार और संवेदनशील संवाद की क्षमता भी होनी चाहिए.

दीक्षांत समारोह में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने वाले 48 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं. राष्ट्रपति ने इनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चार छात्रों को स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक सहित एक छात्र को रैंक के आधार पर विशेष डिग्री प्रदान की. राष्ट्रपति ने कहा, “डॉक्टरों को समाज में ईश्वर का प्रतिनिधि माना जाता है. कुछ डॉक्टर ऐसे होते हैं जिनसे परामर्श के बाद मरीज और उनके परिजन बेहतर महसूस करते हैं. आपके पास अनगिनत लोगों के जीवन को छूने और उजाले से भरने की शक्ति होती है.”

उन्होंने एम्स देवघर की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि संस्थान ने पांच आदिवासी गांवों को गोद लिया है. “यह दायरा और बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा उन तक भी पहुंचे, जिन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत है.” राष्ट्रपति ने अपने झारखंड और एम्स देवघर से विशेष जुड़ाव को याद करते हुए कहा, “यह मेरा परम सौभाग्य है कि भगवान शंकर की असीम अनुकंपा से मुझे फिर देवघर आने का अवसर मिला. 2018 में जब एम्स का शिलान्यास हुआ था, तब मैं राज्यपाल के रूप में उपस्थित थी, और आज, बतौर राष्ट्रपति, पहले दीक्षांत समारोह में शामिल होना मेरे लिए बेहद भावुक क्षण है.”

श्रावणी मेले के दौरान इस समारोह के आयोजन को उन्होंने “ईश्वर की कृपा” बताया और बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग व शक्तिपीठ को नमन किया. उन्होंने विद्यार्थियों, उनके परिजनों और शिक्षकों को दीक्षांत समारोह के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह अवसर विद्यार्थियों के लिए स्वर्णिम भविष्य की पहली सीढ़ी है. विशेष रूप से उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि पदक प्राप्त करने वालों में बेटियों की संख्या अधिक रही और छात्राओं की उपस्थिति छात्रों के बराबर है.

राष्ट्रपति ने आशा जताई कि इस दीक्षांत समारोह के साथ एम्स देवघर में “कल्चर ऑफ एक्सीलेंस” की शुरुआत हो रही है. उन्होंने एम्स प्रबंधन की सराहना की और संस्थान की प्रगति के लिए शुभकामनाएं दीं. समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा, एम्स देवघर के चेयरमैन डॉ. एनए अरोड़ा और सीईओ प्रो. सौरभ वार्ष्णेय सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे.

एसएनसी/डीएससी