नई दिल्ली, 8 मई अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने यौन उत्पीड़न रोकथाम (पीओएसएच) नीति को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा. गहन विचार-विमर्श और सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद एआईएफएफ कार्यकारी समिति द्वारा यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया.
एआईएफएफ यौन उत्पीड़न रोकथाम नीति, जो यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम 2013 पर आधारित है, का उद्देश्य फुटबॉल समुदाय के भीतर एक सुरक्षित और समावेशी वातावरण सुनिश्चित करना है. अनुपालन और प्रभावकारिता के उच्चतम मानकों का पालन करने के लिए इसे एआईएफएफ कानूनी टीम द्वारा सावधानीपूर्वक तैयार और जांचा गया है.
एआईएफएफ के कार्यवाहक महासचिव एम सत्यनारायण ने कहा, “एआईएफएफ कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से पीओएसएच नीति की बहुत जरूरत थी. हमने 2013 के पीओएसएच अधिनियम और कुछ अन्य संगठनों की नीतियों के अनुसार नीतियों को लेकर इसका मसौदा तैयार किया है और उन्हें अपनी नीति में शामिल किया है.
उन्होंने कहा,“हमारी पीओएसएच नीति को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, इसे बदला और अनुकूलित किया जा सकता है. इसके साथ ही, हमने पीओएसएच नीति पर एक विशेषज्ञ रखने की भी योजना बनाई है जो हमारे कर्मचारियों को साल में कम से कम तीन बार संबोधित करेगा ताकि उन्हें इसकी याद दिलाती रहे.”
“यह जरूरी है, खासकर हमारी जूनियर और महिला टीमों के लिए. हमारा मानना है कि विभिन्न पदों पर कार्यरत सभी हितधारकों के लिए पीओएसएच नीति के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है.”
एआईएफएफ निष्पक्षता, अखंडता और समानता के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए समर्पित है.
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