अहमदाबाद : 614 साल बाद निकली देवी मां भद्रकाली की नगर यात्रा

अहमदाबाद, 26 फरवरी . अहमदाबाद में बुधवार को 614 साल बाद मां भद्रकाली की नगर यात्रा का आयोजन किया गया है. यह यात्रा शहर के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में निकाली गई.

मंदिर की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन देवांग दानी ने से बातचीत में बताया कि आज का दिन हमारे लिए खुशी का दिन है. आज अहमदाबाद का स्थापना दिवस भी है. अहमदाबाद का नाम देश-दुनिया में फैला है. यही हमारी मनोकामना है. 614 साल बाद यह यात्रा निकल रही है. ऐसे में यह दिन हम सभी लोगों के लिए काफी अहम हो जाता है.

नगर यात्रा का मार्ग और आयोजन यात्रा की शुरुआत भद्रकाली मंदिर से सुबह हुई. मां भद्रकाली की पादुकाओं को रथ में सजाकर यह शोभायात्रा लगभग सवा छह किलोमीटर के मार्ग पर निकाली जा रही है. यात्रा का मार्ग तीन दरवाजा, गुरु माणेक, माणेकचौक, खमासा, जमालपुर दरवाजा, जगन्नाथ मंदिर होते हुए साबरमती नदी तक है. साबरमती की आरती करने के बाद यात्रा पुनः निज मंदिर लौटेगी. यात्रा के समापन के बाद निज मंदिर में हवन और भंडारे का आयोजन किया जाएगा. हर साल अब इस तरह से नगर देवी की नगर यात्रा निकाली जाएगी.

नगर यात्रा में शामिल मुख्य आकर्षण मां भद्रकाली के रथ के साथ 5000 से ज्यादा भक्त, साधू-संत और श्रद्धालु शामिल हैं. यात्रा में जगन्नाथ मंदिर का हाथी, तीन भजन मंडलियां, 15 कार, 100 दुपहिया वाहन, पांच मालवाहक वाहन, नासिक ढोल ग्रुप, पांच साधू की धजा, एक बैंड बाजा और एक डीजी ट्रक शामिल हैं.

नगर देवी की यात्रा के दौरान यात्रा के मार्ग पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. यात्रा के मार्ग में कारंज थाने के आगे से तीन दरवाजा, माणेकचौक, गोल लीमडा, जमालपुर सब्जी मंडी, फूल बाजार और अन्य प्रमुख स्थानों पर वाहनों की आवाजाही पर रोक होगी. यह रोक बुधवार सुबह 4 बजे से लेकर यात्रा पूरी होने तक लागू रहेगी.

श्रीरामबली प्राग तिवारी ट्रस्ट, धर्मरक्षा फाउंडेशन और मेविंस मारकॉम ने मिलकर यात्रा आयोजित की. नगर यात्रा की तैयारियों का जिम्मा भद्रकाली मंदिर ट्रस्ट ने उठाया.

अहमदाबाद की महापौर, प्रतिभा जैन और चेयरमैन, देवांग ने यात्रा की तैयारी को लेकर उचित कदम उठाने की बात कही और यात्रा को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं. उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक नगर यात्रा अहमदाबादवासियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हो रही है, और अब से हर साल यह यात्रा आयोजित की जाएगी.

एसएचके/केआर