New Delhi, 8 अगस्त . अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को राऊज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने मिशेल की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने जेल से रिहाई के निर्देश देने की मांग की थी.
कोर्ट ने कहा कि आरोपी पर कथित तौर पर आईपीसी की धारा 467 के तहत अपराध करने का आरोप है, जिसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि क्रिश्चियन मिशेल जेम्स कथित अपराधों के लिए निर्धारित अधिकतम सजा की अवधि पहले ही काट चुका है.
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि धारा 467 लागू होती है या नहीं, यह मुद्दा आरोप तय करने की प्रक्रिया के दौरान तय किया जाएगा. इसलिए फिलहाल उसे रिहा नहीं किया जा सकता.
कोर्ट में ईडी और सीबीआई ने क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की याचिका का विरोध किया था. क्रिश्चियन मिशेल ने यह कहते हुए रिहाई की मांग की थी कि जिन अपराधों में उस पर आरोप लगाए गए हैं, उनके लिए अधिकतम सात साल की सजा होती है, और वह यह अवधि पहले ही जेल में काट चुका है.
इसी साल 18 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई मामले में मिशेल को जमानत दी थी. इसके बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडी मामले में भी उसे जमानत दे दी थी, लेकिन मूल जमानत आदेश के अनुसार, आरोपी को 5-5 लाख रुपये का निजी मुचलका और जमानत राशि जमा करनी थी और निचली अदालत में अपना पासपोर्ट जमा करना था, जिसमें भारत में अपने निवास की जानकारी भी देनी थी. इसके खिलाफ क्रिश्चियन मिशेल जेम्स ने Supreme court का रुख किया था, लेकिन वहां से राहत नहीं मिली.
गौरतलब है कि जेम्स को 5 दिसंबर 2018 को संयुक्त अरब अमीरात से भारत प्रत्यर्पित किया गया था. भारत पहुंचने पर उसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया और कुछ दिनों बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी उसे गिरफ्तार कर लिया. तब से वह तिहाड़ जेल में है.
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डीसीएच/