भारत की आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देने को 350 मिलियन डॉलर के ऋण के ल‍िए केंद्र सरकार व एडीबी के बीच समझौता

नई दिल्ली, 20 दिसंबर . भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने शुक्रवार को स्ट्रेंथेनिंग मल्टीमॉडल एंड इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम (स्माइल) प्रोग्राम के दूसरे उपप्रोग्राम के तहत घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करने काे 350 मिलियन डॉलर के ऋण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, स्माइल कार्यक्रम भारत में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में व्यापक सुधार करने में सरकार का समर्थन करने के लिए एक प्रोग्रामेटिक नीति-आधारित ऋण (पीबीएल) है.

इस दृष्टिकोण में दो उपकार्यक्रम शामिल हैं. इनका उद्देश्य भारत के विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार करना और इसकी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन में सुधार करना है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारत सरकार और एडीबी के बीच सहयोग लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में विकास और नवाचार को बढ़ावा देने, भारत के व्यापक आर्थिक विकास लक्ष्यों का समर्थन करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है.”

ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने वालों में वित्त मंत्रालय का आर्थिक मामलों का विभाग (डीईए), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और एडीबी शामिल थे.

स्माइल कार्यक्रम राष्ट्रीय, राज्य और शहर स्तर पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे के विकास के लिए संस्थागत आधारों को मजबूत करने के माध्यम से लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने के लिए एक व्यापक नीति ढांचे का संचालन करता है.

यह आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने और बड़े निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने, बाहरी व्यापार लॉजिस्टिक्स में दक्षता में सुधार करने और कुशल और कम-उत्सर्जन लॉजिस्टिक्स के लिए स्मार्ट सिस्टम अपनाने के लिए वेयरहाउसिंग और अन्य लॉजिस्टिक्स संपत्तियों को मानकीकृत करने में भी मदद करता है.

मंत्रालय के अनुसार, भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र का विकास इसके विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है. रणनीतिक नीति सुधारों, बुनियादी ढांचे के विकास और डिजिटल एकीकरण के माध्यम से, चल रहे सुधार लॉजिस्टिक्स परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार हैं. इस परिवर्तन से लागत कम होने, दक्षता में सुधार, रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा होने और लैंगिक समावेशन को बढ़ावा मिलने-स्थायी आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

गुरुवार को, सरकार और एडीबी ने महाराष्ट्र में स्थानीय समुदायों और प्राकृतिक पारिस्थितिकी प्रणालियों की लचीलापन बढ़ाने के लिए तटीय और नदी तट सुरक्षा प्रदान करने के लिए 42 मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए. एडीबी द्वारा प्रदान क‍िया जाने वाला कर्ज महाराष्ट्र की तटरेखा को बहाल करने और स्थिर करने और तटीय समुदायों की आजीविका की रक्षा करने में मदद करेगा.

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