आगरा, 29 जुलाई . उत्तर प्रदेश के आगरा में अवैध धर्मांतरण के मामले में पुलिस ने 10 आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच Tuesday को सीजेएम कोर्ट में पेश किया. कोर्ट में बहस के बाद 6 आरोपियों को जेल भेज दिया गया, जबकि चार आरोपियों को 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है.
अभियोजन अधिकारी बृज मोहन कुशवाह ने से बातचीत में बताया कि धर्मांतरण मामले में 10 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने सबूतों और तर्कों के आधार पर 6 आरोपियों को जेल भेजने का आदेश दिया, जबकि बाकी 4 आरोपियों को 4 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया. रिमांड पर भेजे गए आरोपियों में एसबी कृष्णा उर्फ आयशा, शेखर राय उर्फ हसन अली, रहमान कुरैशी और मोहम्मद अली शामिल हैं.
बृज मोहन कुशवाह ने बताया कि चारों आरोपियों की रिमांड को लेकर कोर्ट में बहस हुई. इसके बाद कोर्ट ने दलीलों पर विचार किया और उसके बाद चारों आरोपियों की पुलिस रिमांड को मंजूरी दी. इस मामले में आरोपियों के पाकिस्तान से कनेक्शन और धर्मांतरण के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी सामने आया है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह संगठित तरीके से काम कर रहा था और विदेशी फंडिंग के जरिए नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाकर उनका धर्म परिवर्तन कराता था.
इससे पहले 19 जुलाई को उत्तर प्रदेश पुलिस ने बड़े धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था. यह गिरोह प्रदेश में युवतियों को बरगलाकर, प्रलोभन देकर और कट्टरपंथी सोच के जरिए धर्मांतरण कराने में संलिप्त था. पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए विभिन्न राज्यों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने बताया था कि अवैध धर्मांतरण के लिए कनाडा, अमेरिका और दुबई समेत कई देशों से करोड़ों रुपए की अंतरराष्ट्रीय फंडिंग मिली थी, जिसका उपयोग देश में धार्मिक कट्टरता फैलाने और लड़कियों को बहलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराने में किया जा रहा था. इनके तौर-तरीके, फंडिंग का दायरा और कार्यशैली आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों की तर्ज पर ही संचालित होते दिखे. पुलिस ने जांच के दौरान छह राज्यों से 10 आरोपियों को अरेस्ट किया है, जिसमें एक लड़की भी शामिल है.
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