नई दिल्ली (New Delhi) . केंद्र सरकार (Central Government)के बनाए नए कृषि कानूनों के खिलाफ लामबंद किसान देश की राजधानी दिल्ली की बार्डर पर एक महीने से अधिक समय से डटे हैं और उनके आंदोलन का आज 34वां दिन है. अब सरकार ने किसानों को 30 दिसंबर यानी बुधवार (Wednesday) को चर्चा करने का प्रस्ताव भेजा है. किसानों ने इस प्रस्ताव को मान लिया है. उधर पंजाब (Punjab) में किसानों ने कृषि बिल का विरोध तेज कर दिया है.
किसानों का सबसे ज्यादा गुस्सा मुकेश अंबानी की रिलायंस पर उतर रहा है. पंजाब (Punjab) में जियो समेत विभिन्न मोबाइल कंपनियों के 1500 से अधिक टावरों में तोड़फोड़ की खबर है. हरियाणा (Haryana) के पानीपत के समालखा में भी रिलायंस के पेट्रोल (Petrol) पंप को किसानों ने जबरन बंद करा दिया. किसान संगठनों ने 30 दिसंबर की बातचीत के बाद आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. किसान यूनियनों ने 30 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार सरकार के साथ बातचीत की वजह से यह मार्च 31 दिसंबर को होगा.
उधर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी किसानों की मांगे नहीं माने जाने पर आंदोलन शुरू करने की बात कही है. अन्ना हजारे ने सोमवार (Monday) को चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार (Central Government)ने किसानों के मुद्दों से संबंधित उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो वह जनवरी में दिल्ली में दोलन शुरू करेंगे. महाराष्ट्र (Maharashtra) के अहमदनगर जिले में स्थित रालेगन सिद्धि गांव में जारी बयान में अन्ना ने कहा कि उन्होंने अगले महीने दिल्ली में अपना विरोध-प्रदर्शन फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है और इसके बारे में सरकार को भी सूचित कर दिया है. हालांकि, आंदोलन की तारीख को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है.