ए.जी. कृपाल सिंह : अपने पहले विकेट के लिए सबसे ज्यादा गेंद फेंकने वाले क्रिकेटर

New Delhi, 5 अगस्त . भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कई ऐसे क्रिकेटर खेले हैं, जिनका परिवार इस खेल से जुड़ा रहा है. इसी में एक नाम ए. जी. कृपाल सिंह का है.

6 अगस्त 1933 को मद्रास में जन्मे ए. जी. कृपाल सिंह का पूरा नाम अमृतसर गोविंदसिंह कृपाल सिंह था. वह एक प्रसिद्ध क्रिकेट परिवार से संबंध रखते थे. उनके पिता ए. जी. राम सिंह एक बेहतरीन क्रिकेटर थे. उन्हें भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला था. उनके भाई मिल्खा सिंह एक टेस्ट क्रिकेटर थे, जिन्होंने भारत के लिए चार टेस्ट मैच खेले थे. उनके एक और भाई, उनके दो बेटे, उनकी बेटी और एक भतीजा, सभी प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते थे. ए. जी. कृपाल सिंह एक आक्रामक बल्लेबाज और एक उपयोगी ऑफ स्पिन गेंदबाज थे.

ए. जी. कृपाल सिंह ने 1954-55 में मद्रास को रणजी ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई थी. 636 रन बनाने के साथ ही 13 विकेट उन्होंने लिए थे. सेमीफाइनल में बंगाल के खिलाफ उन्होंने 98 और 97 रन बनाए थे. वहीं फाइनल में 75 और 91 रन की पारी खेलने के साथ ही 7 विकेट लिए थे. इन यादगार प्रदर्शनों के दम पर मद्रास रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने में कामयाब रही थी.

इस प्रदर्शन के आधार पर उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ डेब्यू का मौका 1955 में दिया गया. डेब्यू मैच शानदार रहा और उन्होंने नाबाद 100 रन की पारी खेली. यह उनका एकमात्र टेस्ट शतक था. 1958-59 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 53 रन की आक्रामक पारी भी उनकी यादगार पारियों में है.

कृपाल ने 1959 में इंग्लैंड का दौरा किया था. लंकाशायर के खिलाफ 178 रन की पारी खेलने वाले इस खिलाड़ी ने भारत के लिए दौरे पर खेले एकमात्र टेस्ट में 41 रन की पारी खेली. उंगली की चोट के कारण वह टीम से बाहर हो गए. 1961-62 में तीन और 1963-64 में दो टेस्ट मैच खेले, ये सभी इंग्लैंड के खिलाफ थे. 1961-62 के तीसरे टेस्ट में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला विकेट लिया.

कृपाल को उनके टेस्ट करियर का पहला विकेट 9 पारियों और दस टेस्ट मैचों में 588 गेंदें फेंकने के बाद मिला था. किसी भी गेंदबाज ने अपने पहले विकेट के लिए इतनी गेंद नहीं फेंकी थी.

1955 से 1964 के बीच कृपाल ने 14 टेस्ट मैचों में 1 शतक और 2 अर्धशतक लगाते हुए 422 रन बनाए और 10 विकेट लिए.

घरेलू क्रिकेट में 96 प्रथम श्रेणी मैचों में 10 शतक और 24 अर्धशतक लगाते हुए उन्होंने 4,939 रन बनाए और 177 विकेट लिए. उनका टॉप स्कोर 208 रन था.

कृपाल सिंह का 53 वर्ष की आयु में हृदय गति रुकने से 22 जुलाई 1987 को निधन हो गया. मृत्यु के समय वह राष्ट्रीय चयनकर्ता थे और अगस्त 1987 में चयन समिति के अध्यक्ष बनने वाले थे.

पीएके/एएस