बिहार में प्रारूप मतदाता सूची जारी होने के बाद राजनीतिक दलों ने नहीं दर्ज कराई आपत्ति : चुनाव आयोग

New Delhi, 2 अगस्त . India निर्वाचन आयोग ने Saturday को बिहार राज्य में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) 2025 को लेकर विस्तृत जानकारी दी. आयोग ने एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें 1 अगस्त दोपहर 3 बजे से 2 अगस्त दोपहर 3 बजे तक के आंकड़ों और घटनाक्रमों का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है.

प्रेस नोट के अनुसार, 24 जून से 25 जुलाई तक चले गणना चरण के बाद बिहार की प्रारूप मतदाता सूची 1 अगस्त को आम जनता के लिए प्रकाशित कर दी गई. राज्य के सभी 38 जिलों के डीएम ने 243 विधानसभा क्षेत्रों के कुल 90,712 मतदान केंद्रों पर यह सूची तैयार कर साझा की. यह सूची सभी मान्यता प्राप्त Political दलों को 1 अगस्त को प्रदान कर दी गई है. जो मतदाता 24 जून की मतदाता सूची में दर्ज थे, लेकिन 1 अगस्त की प्रारूप सूची से उनका नाम हट गया है, उनके नामों की अलग से सूची तैयार कर सभी Political दलों को दी गई है ताकि वे उसका परीक्षण कर सकें. इस विशेष सत्यापन अभियान में भाग लेने के लिए 12 प्रमुख Political दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नियुक्त किए गए करीब 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं.

आयोग ने बताया कि जन सामान्य को इस प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए अखबारों, टेलीविजन और social media पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया है. मतदाता सूची को और अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने के लिए हर प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय और शहरी निकाय कार्यालय में 1 सितंबर 2025 तक प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं, जिसमें लोग आकर अपने नाम की पुष्टि कर सकते हैं या फिर दावा व आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.

मतदाता अपने एपिक नंबर के माध्यम से निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जाकर भी प्रारूप मतदाता सूची में अपना नाम जांच सकते हैं. यदि नाम सूची में नहीं है या किसी सुधार की जरूरत है, तो उसी पोर्टल से दावा या आपत्ति दर्ज की जा सकती है. चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी योग्य मतदाताओं को नया पहचान पत्र (एपिक) जारी किया जाएगा, जिसके लिए हर मतदाता से अनुरोध किया गया है कि वे अपना नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो संबंधित बीएलओ को 1 सितंबर तक अवश्य सौंपें.

आयोग के अनुसार, चौंकाने वाली बात यह रही कि 1 अगस्त दोपहर 3 बजे से 2 अगस्त दोपहर 3 बजे तक किसी भी Political दल ने अपने बीएलओ के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के संबंध में कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं कराई. आयोग ने इसे ‘शून्य दावे और आपत्तियां’ के रूप में दर्ज किया है.

वहीं, 1 जुलाई से 1 अक्टूबर के बीच 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले युवाओं को मतदाता सूची में शामिल करने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसी अभियान के तहत 1 अगस्त से 2 अगस्त के बीच 3,223 युवाओं ने फॉर्म के साथ घोषणा पत्र भी भरे हैं.

चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 1 अगस्त को जारी प्रारूप सूची से कोई भी नाम बिना उचित जांच और संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ/एईआरओ) द्वारा आदेश जारी किए बिना नहीं हटाया जा सकता. साथ ही, संबंधित व्यक्ति को जांच का पूरा अवसर दिया जाएगा ताकि निष्पक्षता बनी रहे.

पीएसके/एएस