नई दिल्ली, 3 मई . जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की. यह मुलाकात पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय और सुरक्षा रणनीति पर चर्चा के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है.
इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे. यह मुलाकात केंद्र शासित प्रदेश में 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी और उमर अब्दुल्ला के बीच पहली बैठक थी. इस भीषण हमले में आतंकियों ने पीड़ितों को धर्म के आधार पर अलग किया और फिर निर्दयता से गोलियों से भून दिया. यह घटना पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में हुई थी.
प्रधानमंत्री आवास पर हुई यह बैठक करीब 30 मिनट चली. सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति, सुरक्षा व्यवस्था और भविष्य में इस तरह के हमलों को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की.
हालांकि बैठक के बाद कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया, लेकिन माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने शांति व्यवस्था बनाए रखने और पीड़ितों को न्याय दिलाने पर जोर दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इस कायराना हमले के पीछे जो भी लोग हैं, चाहे वे आतंकवादी हों, उनके हैंडलर हों या उन्हें समर्थन देने वाले, उन्हें जमीन के आखिरी छोर तक ढूंढकर सजा दी जाएगी.
प्रधानमंत्री ने देश की सेना को “ऑपरेशनल फ्री हैंड” दे दिया है, ताकि वह इस हमले का माकूल जवाब दे सके.
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री के साथ 40 मिनट लंबी बैठक की थी. इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) ने देश की सैन्य तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी थी.
भारत ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव भी बढ़ा दिया है. अब सभी डाक सेवाएं पाकिस्तान के साथ बंद कर दी गई हैं. इसके अलावा अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी गई है, सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया है और सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल ही में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ श्रीनगर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने सेना को पहलगाम हमले के गुनहगारों के खिलाफ “पूर्ण बल” के इस्तेमाल की अनुमति दी.
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डीएससी/एकेजे