लखनऊ, 18 जुलाई . कांवड़ यात्रा की शुरुआत 22 जुलाई से होने जा रही है. यात्रा शुरू होने से पहले पुलिस ने कांवड़ रूट पर पड़ने वाले सभी दुकानदारों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं.
कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले सभी दुकानदारों को अपनी दुकानों पर मालिक और यहां काम करने वाले लोगों का नाम लिखना अनिवार्य है. इसका कई जगहों पर असर भी दिखना शुरू हो गया है. इसके अलावा यात्रा के दौरान इस्तेमाल होने वाले डीजे की हाइट भी तय कर दी गई है.
मुजफ्फरनगर में यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले ठेले पर प्रशासन ने दुकानदारों के नाम टंगवा दिए हैं. लेकिन, अमरोहा में कई ऐसे ढाबे हैं जो हिंदुओं के नाम पर मुस्लिम समुदाय के लोग चला रहे हैं. हाईवे किनारे मुस्लिम समाज के लोग हिंदुओं के नाम पर ढाबा चला रहे हैं.
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदुओं के नाम पर अपने ढाबे के नाम रखने के अलावा ढाबे में हिंदुओं के भगवान की मूर्तियां भी लगा रखी है. ढाबे के बाहर लगे बोर्डों पर ‘ओम’ भी लिखा हुआ है. हालांकि, इन ढाबों के मालिक मुसलमान हैं जो हिंदू बनकर ढाबा चला रहे हैं.
ये सभी ढाबे अमरोहा में एनएच-9 के किनारे स्थित है. हिंदुओं का ढाबा समझकर यहां खाना खाने के लिए बड़ी संख्या में यात्री हर रोज रुकते हैं. प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना हुआ है. ढाबों के ऊपर ढाबा मालिकों के न तो नाम लिखे हैं और न ही उनके समुदाय से जुड़ा कोई शब्द.
साथ ही कांवड यात्रा में इस्तेमाल होने वाले डीजे की हाइट भी प्रशासन ने तय कर दी है.
मेरठ डीएम दीपक मीणा ने बताया कि कांवड़ियों के लिए जरूरी चीजों का इंतजाम कर लिया गया है, जिसमें पेयजल का खास ध्यान रखा गया है. कावड़ियों के लिए लगाए जाने वाले शिविर का भी सत्यापन किया जा रहा है. इसके अलावा ऊंची हाइट वाले डीजे को इस बार सड़कों पर नहीं उतरने दिया जाएगा.
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