पटना, 24 जून . नीट (यूजी) प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई) करेगी. आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) द्वारा अब तक इस मामले की जांच का दायरा बढ़कर कई अन्य राज्यों तक पहुंच गया है. इस कथित प्रश्न पत्र लीक मामले का खुलासा इंजीनियर सिकन्दर यादवेन्दु की गिरफ्तारी के बाद हुआ है. अब जब जांच आगे बढ़ रही है तो इसमें कई लोगों के शामिल होने और एक बड़े नेटवर्क की जानकारी मिल रही है.
बिहार और पड़ोसी राज्य झारखंड में हो रही ताबड़तोड़ गिरफ्तारी और आरोपियों के कबूलनामों से इतना तो साफ है कि संगठित गिरोह ने परीक्षा संचालन करने वाले कर्मियों के साथ मिलीभगत कर प्रश्न पत्र लीक करने का बड़ा खेल खेला.
गत 5 मई को पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के बेली रोड के समीप पुलिस ने जूनियर इंजीनियर सिकन्दर यादवेन्दु को गिरफ्तार किया. उसकी कार की तलाशी के क्रम में पुलिस को नीट परीक्षा के चार परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड मिले. इसके बाद पुलिस के कान खड़े हो गए. पटना के विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर कई लोगों को गिरफ्तार किया गया.
आर्थिक अपराध इकाई ने प्रारंभ में ही स्पष्ट कर दिया था कि प्रश्न पत्र लीक हुआ है. इकाई ने 10 मई को पुलिस को तकनीकी सहयोग दिया और 17 मई को जांच का जिम्मा खुद संभाल लिया. इसके बाद जब जांच का दायरा बढ़ा तो परत दर परत मामले का खुलासा भी होता गया और कड़ियां जुड़ती चली गईं.
ईओयू ने 18 और 19 जून को परीक्षार्थियों को पूछताछ के लिए बुलाया. गिरफ्तार लोगों की स्वीकारोक्ति और मिल रहे साक्ष्यों के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ईओयू से जांच रिपोर्ट मांगी. इस बीच, ईओयू ने झारखंड के भी विभिन्न शहरों में छापेमारी कर कई और लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद यह साफ हो गया कि प्रश्न पत्र झारखंड के एक परीक्षा केंद्र से लीक हुआ और वहां से बिहार पहुंचा.
बहरहाल, जांच अभी चल रही है. ईओयू तथा सीबीआई के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस गिरोह के किंगपिन को खोजने और दोषियों को सजा दिलाने की होगी.
–
एमएनपी/एकेजे