श्रीराम लला के गर्भगृह में विराजमान होने के बाद भक्तों को शेष परिसर में प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार : संत मिथिलेश नंदनी

अयोध्या, 4 जून . अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का तीन दिवसीय समारोह शुरू हो गया है. संत मिथिलेश नंदनी शरण ने बुधवार को कहा कि जब से श्रीराम लला मंदिर के भूतल पर मुख्य गर्भगृह में विराजमान हुए हैं, तब से भक्तों और पूरे देश को शेष परिसर खासकर श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार है. आस्था और पूजा पद्धतियों को ध्यान में रखते हुए प्राण प्रतिष्ठा के वैदिक अनुष्ठान और उनकी पारंपरिक प्रक्रियाओं का ठीक से पालन किया जा रहा है.

उन्‍होंने कहा कि गंगा दशहरा को ध्यान में रखकर तीन दिनों का यह उत्सव हो रहा है. भगवान सीताराम जुगल सरकार, हनुमान जी महाराज, लक्ष्मण जी को साथ प्रथम तल पर विराजमान कराया जा रहा है. वहीं, गोस्वामी तुलसीदास महाराज और ऋषियों के विग्रह विराजमान हो रहें है. उन्‍होंने कहा कि एक तरफ परमब्रह्म परमात्‍मा और अयोध्‍या के आराध्‍य होकर दशरथ नंदन श्रीराम की स्‍थापना मंदिर में होगी. वहीं, दूसरी ओर समाज और मनुष्य से संबंध को भी आदर्श मनुष्‍यता के रूप में मंदिर परिसर में जीवंत किए जाने के लिए प्राण प्रतिष्‍ठा हो रही है. यह बड़ी ही प्रसन्नता और प्रशंसा का विषय है.

उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि आज हम श्री राम मंदिर का उत्‍सव मना पा रहे हैं. इसके अतीत में कई नायक हैं. लेकिन वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का विशेष योगदान रहा है, जिनकी वजह से यह उत्‍सव मनाया जा रहा है. वह अयोध्‍या के उत्थान के नायक बनकर निरंतर लगे रहे हैं और असाधारण सेवाएं दे रहे हैं. सीएम योगी का जन्‍मदिन भी 5 जून को है. गोरक्षपीठ के प्रमुख होने के कारण उनके अनुयायी उनका जन्‍मदिन मनाएंगे. अयोध्‍या का संत समाज सीएम को बधाई देता है.

उल्‍लेखनीय है कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का त्रिदिवसीय समारोह शुरू हो गया है. पहले दिन पंचांग पूजन, यज्ञ, वास्तु पूजन, अग्नि स्थापना समेत कई धार्मिक अनुष्ठान हुए. 5 जून को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी. मंदिर परिसर में 21 देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं.

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