सात महीने बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने स्नैचर को दबोचा

New Delhi, 28 नवंबर . दिल्ली Police की क्राइम ब्रांच ने Friday को एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. क्राइम ब्रांच ने सात महीने से फरार चल रहे चेन स्नैचर तरुण उर्फ गादम वाला को गिरफ्तार कर लिया.

Police के मुताबिक, तरुण पर चोरी, स्नैचिंग, डकैती, घरफोडी और अवैध हथियार रखने जैसे कुल 68 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह अमन विहार थाने का घोषित बदमाश और भगोड़ा था. सबसे अहम बात यह है कि इसी साल अप्रैल में करोल बाग में एक अमेरिका से आई एनआरआई महिला की सोने की चेन छीनने के हाई-प्रोफाइल मामले में भी वह मुख्य आरोपी था.

यह वारदात 5 अप्रैल की सुबह करीब 11.15 बजे की है. कैलिफोर्निया में रहने वाली महिला अपने पति के साथ दिल्ली घूमने आई थी. महिला करोल बाग के पदम सिंह रोड पर पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम से पैसे निकालकर बाहर आई ही थी कि काली स्कूटी पर आए दो लड़कों ने उसकी लगभग 15 ग्राम सोने की चेन झपट ली और गंगा मंदिर मार्ग की ओर भाग निकले. महिला ने बहुत शोर मचाया, लेकिन बदमाश फरार हो गए. शिकायत के बाद करोल बाग थाने में 13 अप्रैल को First Information Report हुई.

Police ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और कुछ ही दिनों में स्कूटी चलाने वाले राहुल को पकड़ लिया. चोरी की स्कूटी और छीनी हुई सोने की चेन भी बरामद कर ली गई, मगर चेन खींचने वाला दूसरा लड़का, यानी तरुण, फरार हो गया. कोर्ट ने 4 अगस्त को उसे आधिकारिक तौर पर भगोड़ा घोषित कर दिया था.

फिर 24 नवंबर को क्राइम ब्रांच को खबर मिली कि तरुण अमन विहार इलाके में छिपा है. डीसीपी क्राइम हर्ष इंदौरा और एसीपी सतेंद्र मोहन के निर्देश पर इंस्पेक्टर महिपाल की अगुवाई में एक खास टीम गठित की गई. इस टीम में सब-इंस्पेक्टर अंकित, गौरव, एएसआई सत्यवीर, और हेड constable नवीन, सुनील, विनोद, व रामकेश शामिल थे. तकनीकी निगरानी और गुप्त सूचनाओं की मदद से टीम ने छापा मारा और तरुण को अमन विहार से धर दबोचा.

पूछताछ में तरुण ने सब कबूल कर लिया. उसने बताया कि स्कूटी पर पीछे बैठा वही था और उसने ही एनआरआई महिला की चेन खींची थी. उसका साथी राहुल स्कूटी चुराता था और पूरी प्लानिंग करता था. चेन बेचने के बाद तरुण को सिर्फ छह हजार रुपए मिले थे. वह नशे का आदी है और इसी लत की वजह से बार-बार अपराध करता रहा. तरुण केवल 9वीं तक पढ़ा है. वह दिन में अंडे बेचता है और शादियों में ढोल बजाता है.

एसएचके