सात्विक-चिराग के बाहर होने के बाद मथायस बो ने कहा, ‘मेरे कोचिंग के दिन यहीं खत्म होते हैं’

नई दिल्ली, 3 अगस्त भारतीय बैडमिंटन पुरुष युगल जोड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी के कोच मथायस बो ने कहा है कि उनके कोचिंग के दिन खत्म हो गए हैं और ‘कम से कम अभी’ वह कहीं और कोचिंग पद पर नहीं रहेंगे.

बो की टिप्पणी सात्विक और चिराग के 2024 पेरिस ओलंपिक में पुरुष युगल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में मलेशियाई जोड़ी आरोन चिया और सोह वूई यिक से 21-13, 14-21, 16-21 से हारकर बाहर होने के बाद आई है.

“मैं स्वयं इस भावना को अच्छी तरह से जानता हूँ. अपने जीवन की सबसे अच्छी स्थिति में रहने के लिए हर दिन खुद को एक सीमा तक धकेलना, और फिर चीजें वैसी नहीं होती जैसी आप उम्मीद करते हैं. मैं जानता हूं कि आप लोग निराश हैं, मैं जानता हूं कि आप भारत के लिए पदक वापस लाना कितना चाहते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होना था.’

“लेकिन आपके पास गर्व करने के लिए सब कुछ है, आपने इस ओलंपिक शिविर में कितनी मेहनत की है, चोटों से जूझते हुए, दर्द को कम करने के लिए इंजेक्शन भी लिया, वह समर्पण है, वह जुनून है और वह बहुत सारा दिल है. आपने पिछले वर्षों में बहुत कुछ जीता है और आप भविष्य में भी बहुत कुछ जीतने जा रहे हैं.”

“मेरे लिए, मेरे कोचिंग के दिन यहीं समाप्त होते हैं, मैं कम से कम अभी के लिए भारत या कहीं और जारी नहीं रखूंगा. बो ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, ”मैंने बैडमिंटन हॉल में बहुत अधिक समय बिताया है और कोच बनना भी काफी तनावपूर्ण है, मैं एक थका हुआ बूढ़ा आदमी हूं.”

डेनमार्क के पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी बो ने 2012 लंदन ओलंपिक में पुरुष युगल स्पर्धा में रजत पदक जीता था और उनके पास ऑल-इंग्लैंड खिताब भी है. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक से पहले सात्विक और चिराग के साथ अपना कोचिंग कार्यकाल शुरू किया.

उन्होंने वर्षों से समर्थन के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), भारतीय बैडमिंटन संघ और गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन को भी धन्यवाद दिया. “साथ ही भारतीय बैडमिंटन में मेरे सभी सहयोगियों को भी बहुत-बहुत धन्यवाद. ढेर सारी अच्छी यादों के लिए धन्यवाद और मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं. जय हिन्द.”

आरआर/