New Delhi, 22 अक्टूबर . दीपावली पर रिकॉर्ड बिक्री हासिल करने के बाद, व्यापारियों को आने वाले त्योहारी सीजन में करीब 5 लाख करोड़ रुपए का बिजनेस होने का अनुमान है. यह जानकारी इंडस्ट्री बॉडी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से दी गई.
व्यापारियों का ध्यान अब शादी के सीजन पर केंद्रित हो गया है, जो 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी के बाद शुरू होगा और 14 दिसंबर तक जारी रहेगा.
कैट के अनुमान के मुताबिक, इस अवधि के दौरान पूरे India में लाखों शादियां होने की उम्मीद है, जिससे बाजारों में दीपावली जैसी रौनक लौट आएगी.
कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “दीपावली के बंपर कारोबार के बाद, व्यापारी अब शादियों के सीजन की तैयारी में पूरी तरह जुट गए हैं. सोना-चांदी, आभूषण, परिधान, उपहार, सजावट, फर्नीचर, खानपान, होटल, सौंदर्य और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में बिक्री के नए रिकॉर्ड बनने की उम्मीद है.”
इंडस्ट्री बॉडी ने कहा कि दीपावली के बाद, गोवर्धन पूजा प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण की भावना का प्रतीक है. इस वर्ष यह पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाई गई, जिसके परिणामस्वरूप पूजा की थालियों, मिट्टी के दीयों, शुद्ध घी, दूध-दही, चंदन, फूल-मालाओं, मिठाइयों, सजावटी बर्तनों, वस्त्रों और स्टील के बर्तनों की बिक्री में काफी वृद्धि हुई.
आगे कहा कि देवी अन्नपूर्णा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने वाला अन्नकूट उत्सव भी पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.
बयान के मुताबिक, इसी समय, पूरे देश में छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं. यह त्यौहार 27-28 अक्टूबर को मनाया जाएगा और फल, गन्ना, नारियल, ठेकुआ (पारंपरिक मिठाई), बांस की टोकरियां और थालियां, साड़ियां, पीतल और कांसे के बर्तन, मिट्टी के दीये और अन्य पूजा सामग्री की बिक्री पहले ही जोर पकड़ चुकी है.
खंडेलवाल ने कहा, “दीपावली के दौरान रिकॉर्ड तोड़ बिक्री के बाद भी, देश भर के बाजारों में ग्राहकों की भारी भीड़ देखी जा रही है. यह स्पष्ट रूप से भारतीय त्योहारों के प्रति लोगों के बढ़ते उत्साह और Prime Minister Narendra Modi के ‘वोकल फॉर लोकल’ के दृष्टिकोण के तहत घरेलू उत्पादों में उनके बढ़ते विश्वास को दर्शाता है.”
उन्होंने आगे कहा कि दीपावली और उसके बाद के प्रमुख त्योहारों के दौरान, पूजा सामग्री, मिठाइयां, परिधान, उपहार उत्पाद, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक सामानों की बिक्री में 25-30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
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एबीएस/