म्यांमार : भूकंप के बाद चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था, मौतों का आंकड़ा 2,056 पहुंचा

नयपीताव, 31 मार्च . म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप के बाद स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह चरमरा गई है. सोमवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 2,056 हो गई, जबकि करीब 3,900 लोग घायल और 270 लोग लापता बताए जा रहे हैं.

बता दें कि देश के दो प्रमुख शहरी क्षेत्र मंडाले और नयपीताव भूकंप के घायलों के बढ़ते दबाव से जूझ रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल आमतौर पर पहले ही मरीजों से भरे हैं, लेकिन अब हालात और भी बदतर हो गए हैं. जगह और संसाधनों की भारी कमी है, लेकिन फिर भी स्टाफ अपनी पूरी कोशिश कर रहा है, भले ही उनकी संख्या काफी कम हो.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले चार वर्षों से जारी सैन्य शासन ने म्यांमार की स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. भूकंप से पहले भी कई अस्पतालों की स्थिति खराब थी, लेकिन अब हालात और बिगड़ गए हैं. मंडाले में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं, क्योंकि यहां के 80 प्रतिशत से अधिक मेडिकल स्टाफ सैन्य शासन के खिलाफ सिविल नाफरमानी आंदोलन में शामिल हो चुके हैं.

पिछले एक महीने में सात निजी अस्पतालों के लाइसेंस इसलिए रद्द कर दिए गए, क्योंकि उन्होंने सरकारी अस्पतालों के पूर्व कर्मचारियों को नौकरी पर रखा था. भूकंप से पहले ही मंडाले के कई निजी अस्पताल बंद हो चुके थे, क्योंकि सैन्य सरकार ने उन्हें काम करने से रोक दिया था. अब भूकंप में बचे-खुचे अस्पताल भी बर्बाद हो गए हैं, जिससे इलाज पूरी तरह ठप हो गया है.

मंडाले जनरल अस्पताल, जो सैन्य शासन द्वारा संचालित है, वहां का दृश्य भूकंप के बाद बेहद भयावह हो गया. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “अस्पताल में दाखिल होते ही चारों तरफ खून से लथपथ मरीज बिखरे पड़े थे. बेड की भारी कमी थी, मरीज जमीन पर पड़े थे. डॉक्टरों की संख्या कम होने के कारण कुछ लोग बस बैठे हुए थे, असहाय और हताश.”

म्यांमार के मौसम विज्ञान और जल विज्ञान विभाग के अनुसार, अब तक 36 आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद आने वाले झटके) दर्ज किए गए हैं, जिनकी तीव्रता 2.8 से 7.5 के बीच थी. शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के कुछ मिनट बाद 6.4 तीव्रता का आफ्टरशॉक भी आया, जिससे देश के कई हिस्सों में तबाही मच गई.

डीएससी/