मुंबई, 20 मार्च . भविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक द्वारा नियमों के उल्लंघन को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है.
सूत्रों के मुताबिक, करीब पांच रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस ने मुंबई और पुणे में 26 ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के ट्रेड सर्टिफिकेट चेक किए, जिसके बाद कुल 36 ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को जब्त किया गया.
एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार तक मुंबई में 10 ओला इलेक्ट्रिक स्टोर्स का निरीक्षण किया गया और 10 स्कूटर जब्त किए गए.
बुधवार को यह ताजा कार्रवाई गुरुग्राम स्थित फर्म प्रीतपाल सिंह एंड एसोसिएट्स द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद की गई.
शिकायत में आरोप लगाया गया कि ओला इलेक्ट्रिक सिंगल ट्रेड सर्टिफिकेट का उपयोग करके महाराष्ट्र में शोरूम, स्टोर और सर्विस सेंटर स्थापित कर रही है, जिसकी कानून के तहत अनुमति नहीं है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर रवि गायकवाड़ द्वारा साइन की गई निरीक्षण रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि हुई है.
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया है और मामले पर रिपोर्ट मांगी है. इसके बाद मुंबई के चार आरटीओ और पुणे के एक आरटीओ के अधिकारियों ने निरीक्षण किया.
केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 33 के अनुसार, वाहन वितरकों और निर्माताओं को वाहनों को पंजीकृत करने के लिए ट्रेड सर्टिफिकेट प्राप्त करना होता है.
नियम 35 के अनुसार, हर शोरूम और डीलरशिप, जो बिक्री या वाहनों का डिस्प्ले कर रही हैं, उन्हें अलग बिजनेस सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता होती है.
पिछले सप्ताह, वेंडर्स रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने लगभग 25 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान न किए जाने पर ओला इलेक्ट्रिक की सहायक कंपनी के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू करने का प्रस्ताव रखा था.
ये वेंडर्स वाहन पंजीकरण की प्रक्रिया और ओला इलेक्ट्रिक स्कूटरों के लिए हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने के लिए जिम्मेदार थे.
ओला इलेक्ट्रिक अपनी बिक्री के आंकड़े को लेकर भी जांच का सामना कर रही है. कंपनी ने फरवरी में 25,000 स्कूटर्स बेचने का दावा किया है, जबकि केवल एक-तिहाई ही पंजीकृत हुए हैं.
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एबीएस/