कनाडा में आतंकवादी के ‘सम्मान’ के बाद भारत ने दुनिया को कनिष्क विमान हादसे की याद दिलाई

नई दिल्ली, 19 जून . कनाडा की संसद में एक खालिस्तानी आतंकवादी के सम्मान में उसकी बरसी पर मौन रखने की घटना के परिप्रेक्ष्य में वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने दुनिया को एयर इंडिया की उड़ान 182 (कनिष्क) को बम से उड़ाने की घटना की याद दिलाई जिसमें 86 बच्चों समेत 329 लोग मारे गये थे.

वैंकूवर में भारतीय महावाणिज्य दूत के आधिकारिक एक्स हैंडल से बुधवार को एक पोस्ट किया गया. इसमें लिखा गया है, “भारत आतंकवाद के खतरे के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे खड़ा है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है.”

पोस्ट में कहा गया है, “23 जून 2024 को कायर आतंकवादियों द्वारा एयर इंडिया की उड़ान 182 (कनिष्क) को बम से उड़ाने की 39वीं बरसी है. वह नागर विमानन के इतिहास में आतंक से जुड़े सबसे जघन्य हवाई हादसों में से एक था जिसमें 86 बच्चों सहित 329 निरपराध लोगों की जान चली गई थी.”

वाणिज्य दूतावास 23 जून को शाम 6.30 बजे स्टेनली पार्क के केपरली प्लेग्राउंड क्षेत्र में एयर इंडिया मेमोरियल पर एक स्मारक कार्यक्रम का भी आयोजन करेगा.

पोस्ट में कहा गया है, “वैंकूवर स्थित महावाणिज्य दूत भारतीय समुदाय के लोगों से कार्यक्रम में शामिल होकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने की अपील करते हैं.”

इससे पहले मंगलवार को कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के एक साल पूरे होने पर हाउस ऑफ कॉमन्स में एक मिनट का मौन रखा गया.

पिछले साल 18 जून को निज्जर की कनाडा के सरे में एक पार्किंग स्थल के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

भारत ने निज्जर को गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत ‘नामित आतंकवादियों’ की सूची में डाल रखा था.

कनाडा ने निज्जर हत्या मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

ओटावा का आरोप है कि हत्या में भारतीय अधिकारी शामिल थे, लेकिन वह इसका सबूत देने में विफल रहा है. इससे कनाडा और भारत के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया है.

भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा उसकी धरती से संचालित खालिस्तान समर्थक तत्वों को बेखौफ पनाह दे रहा है.

हाल ही में इटली में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि भारत के साथ “कई बड़े मुद्दों पर तालमेल” है और उन्हें भारत की नई सरकार के साथ बातचीत करने का “अवसर” दिखाई दे रहा है…”.

एकेजे/