करनाल, 8 अप्रैल . गेहूं की कटाई के बाद फसल अवशेषों को जलाने वाले किसानों के खिलाफ कृषि विभाग कार्रवाई करेगा. दोषी किसानों पर 30 हजार रुपये तक का जुर्माना निर्धारित किया गया है. फसल अवशेष जलाने वालों पर पैनी नजर रखने के लिए 70 टीमें गठित की गई हैं. अगर कोई किसान फसल अवशेषों में आग लगाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उससे 30 हजार रुपये तक का जुर्माना वसूल किया जाएगा.
करनाल कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि जिला करनाल में अब तक ‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा’ पर 4 लाख 5 हजार एकड़ में गेहूं की काश्त का किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन किया गया है. गेहूं कटाई के बाद कुछ किसान बचे अवशेषों में आग लगा देते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है और भूमि की उर्वरता में कमी आती है, साथ ही जान-माल की हानि का डर भी बना रहता है. धुएं के कारण हादसे होने का खतरा भी बढ़ जाता है. भूमि की शक्ति को भी नुकसान होता है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने फसल अवशेष में आग लगाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. रोक के बावजूद अगर कोई किसान फसल अवशेष में आग लगाएगा, तो उससे 30 हजार रुपये तक अधिकतम जुर्माना वसूल किया जाएगा.
कृषि अधिकारी ने कहा कि फसल अवशेषों में आग जलाने पर रोक के लिए 70 टीमों का गठन किया गया है. टीमें गांव-गांव जाकर किसानों से बातचीत भी करेंगी और आग जलाने की घटनाओं पर अपनी पैनी नजर भी बनाए रखेंगी. अगर फिर भी कोई किसान फसल अवशेषों को आग लगाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
कृषि विभाग की ओर से किसानों से अनुरोध भी किया जा रहा है कि इस विषय पर वे किसानों का साथ दें और फसलों के अवशेषों में आग न लगाएं.
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