![]()
क्वेटा, 15 नवंबर . दिल्ली में लाल किला के पास हुए आतंकी धमाके और इसके बाद श्रीनगर में हुए विस्फोट को लेकर बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच का बड़ा बयान सामने आया है. मीर ने कहा कि India में हुआ हमला Pakistan की ओर से युद्ध का ऐलान है.
मीर यार ने कहा कि पिछले 78 सालों में दुनिया को Pakistan के साथ संबंध बनाए रखने से आतंकवाद, खूनखराबा, अस्थिरता, परमाणु हथियार, ब्लैकमेलिंग की रणनीति और देश की गिरती अर्थव्यवस्था को सहारा देने के बोझ के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ है.
social media प्लेटफॉर्म एक्स पर मीर ने कहा, “Pakistan एक ऐसा देश है जिसका इतिहास गढ़ा गया है, जिसकी अर्थव्यवस्था बलूचिस्तान के विशाल संसाधनों के दोहन से चलती है और जिसकी सेना ने आतंकवादी समूहों को बढ़ावा दिया और ट्रेनिंग दी, जिससे कभी न खत्म होने वाले संघर्ष का एक चक्र चलता रहता है. ऐसा लगता है कि Pakistan एक बार फिर India में 1990 के दशक जैसी स्थितियां पैदा करने के लिए तैयार है.”
उन्होंने आगे कहा, “बलूचिस्तान के रक्षा विश्लेषकों ने निष्कर्ष निकाला है कि Pakistan का आतंकवाद छोड़ने का कोई इरादा नहीं है और इसलिए जैसा कि इजरायल ने किया है, दिल्ली को भी बड़े पैमाने पर निर्णायक कार्रवाई पर विचार करना चाहिए. इजरायल एक साथ कई और अधिक शक्तिशाली देशों पर हमले करता रहता है, जबकि Pakistan India से एक महीने तक भी लगातार टकराव नहीं झेल पाएगा. इसलिए India के लिए यह जरूरी है कि वह Pakistan के आतंकवादी हमलों से शुरू हुए संघर्ष को निर्णायक रूप से समाप्त करे.”
मीर ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में, India को बगराम के साथ-साथ कम से कम दस अतिरिक्त हवाई अड्डे बनाने चाहिए ताकि अफगानिस्तान की जमीन से सैन्य अभियान शुरू किए जा सकें और उसे अपने हवाई क्षेत्र की सुरक्षा और Pakistanी हवाई हमलों को रोकने के लिए डिफेंस सिस्टम और लंबी दूरी की मिसाइलें उपलब्ध करानी चाहिए.
मीर ने जोर देते हुए कहा कि India को बलूचिस्तान और अफगानिस्तान, दोनों को आपातकालीन आधार पर खुले तौर पर रक्षात्मक और सैन्य सहायता प्रदान करनी चाहिए.
मीर ने कहा कि ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा के लिए दिल्ली और काबुल को संयुक्त रूप से एक भारत-अफगानिस्तान-बलूचिस्तान त्रिपक्षीय सम्मेलन की मेजबानी करनी चाहिए ताकि Pakistanी सेना द्वारा छेड़े गए आतंकवाद और छद्म युद्धों का मुकाबला करने के रास्ते तलाशे जा सकें.
उन्होंने कहा कि बलूच नेताओं को India आमंत्रित करना Pakistan के दशकों पुराने आतंकवाद के ताबूत पर आखिरी कील साबित होगा. India और अफगानिस्तान में स्थायी शांति तभी संभव है जब बलूचिस्तान एक स्वतंत्र राज्य बने.
–
केके/वीसी