पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद मनु भाकर ने बताया आगे का प्लान

पेरिस, 3 अगस्त . ओलंपिक के इतिहास में मनु भाकर ने जो भारत के लिए किया है, वह अभूतपूर्व है. भारत के लिए इससे पहले ओलंपिक में पुरुष हॉकी टीम ने स्वर्ण पदक जीते, अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में पहला स्वर्ण पदक जीता और नीरज चोपड़ा ने पहली बार एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता, लेकिन मनु की उपलब्धि बहुत खास रही. उन्होंने पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीते और तीसरे मेडल से बहुत नजदीक आकर चूक गईं.

यह एक भारतीय खिलाड़ी की ओर से व्यक्तिगत तौर पर ओलंपिक में किया गया बहुत प्रभावशाली प्रदर्शन है. मनु ने से खास बातचीत में बताया कि वह 25 मीटर एयर पिस्टल महिला इवेंट में पदक नहीं जीतने से निराश हैं, लेकिन उन्हें खुशी है कि वह दो मेडल लेकर भारत जा रही हैं. उनके पास अब बहुत बड़ी प्रेरणा और ऐसी उपलब्धियां हैं, जिनको वह अगले ओलंपिक में लेकर जा सकती हैं.

मनु ने कहा, फाइनल में मेरा प्रदर्शन मेडल लाने के लिए पर्याप्त नहीं था. मैं लगातार कठिन मेहनत करती रहूंगी. इससे भी बेहतर प्रदर्शन करूंगी, चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े. मेरे लिए, टोक्यो ओलंपिक से पेरिस ओलंपिक की यात्रा इमोशनल, फिजिकल और तकनीकी दृष्टि से कम से कम पांच साल के अंतराल जैसी रही है.

मनु ने अपनी मानसिक यात्रा के बारे में बताया, अब मैं हार से ज्यादा दूसरी चीजों पर फोकस करती हूं. भगवान पर यकीन करती हूं और जिंदगी के प्रति सकारात्मक हूं.

मनु ओलंपिक की तैयारी में काफी समय से भारत से बाहर हैं, और वह भारत का खाना बहुत मिस कर रही हैं. उन्होंने दो मेडल जीतने के बाद आगे के प्लान पर बात करते हुए कहा, “सबसे पहले मैं आराम से बैठकर अपने गेम का आकलन करूंगी. एनालिसिस के बाद अपने गेम को और बेहतर समझना चाहूंगी. इसके अलावा, मैं भारत का खाना बहुत मिस कर रही हूं. मैं यहां 10 दिन से हूं. इससे पहले ओलंपिक की तैयारियों के चलते काफी समय से देश से बाहर हूं.”

मनु ने कहा कि उनकी मां उनके लिए पसंदीदा खाना बनाएंगी. वह अपनी मां के हाथ का खाना बहुत मिस कर रही हैं. मनु ने कहा कि वह अपने माता-पिता और भाई से बहुत प्यार करती हैं.

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