भाजपा के एमसीडी की सत्ता में आने के बाद वेतन भुगतान में देरी : आप

नई दिल्ली, 13 जून . दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में एक बार फिर कर्मचारियों के वेतन में देरी का मुद्दा गरमा गया है. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने शुक्रवार को भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एमसीडी को 820 करोड़ रुपए देने की घोषणा तो जरूर की थी, लेकिन यह राशि अभी तक एमसीडी के खाते में नहीं पहुंची है.

नारंग ने कहा कि “आप” सरकार के कार्यकाल में वेतन भुगतान समय पर हो रहा था और कर्मचारियों को हर माह पहली तारीख को सैलरी मिलती थी. अब भाजपा के एमसीडी की सत्ता में आने के बाद वेतन भुगतान में 10 से 20 दिन की देरी हो रही है.

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के 15 साल के शासन में सफाई कर्मचारियों को छह-छह महीने तक वेतन नहीं मिलता था और अब फिर वही हालात बनते दिख रहे हैं. उन्होंने बताया कि दो महीने पहले सत्ता में आई भाजपा के कार्यकाल में ही ग्रुप ए, बी और सी के कर्मचारियों की सैलरी में देरी हो रही है और पिछला वेतन भी अब तक नहीं मिला है. कई कर्मचारियों को दो-तीन महीने से वेतन नहीं मिला और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के 100 करोड़ रुपए के लाभ भी बकाया हैं.

नारंग ने भाजपा द्वारा आयोजित रिटायरमेंट पार्टी पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि कर्मचारियों को दिए गए लिफाफों में चेक नहीं थे. साथ ही ग्रेच्युटी, पीएफ, पेंशन, एरियर और मेडिकल बेनिफिट जैसी सुविधाएं भी बकाया हैं. उन्होंने कहा कि एमसीडी अब कैशलेस मेडिकल सुविधा भी देने में असमर्थ है. भाजपा की “चार इंजन वाली सरकार” एमसीडी, दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और एलजी पूरी तरह विफल साबित हो रही है.

उन्होंने पूछा कि जब पैसा अभी तक एमसीडी को मिला ही नहीं, तो भाजपा नेता किस बात के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दे रहे हैं. हाल ही में भाजपा ने “मेगा सफाई अभियान” चलाया, लेकिन सेंट्रल जोन समेत कई क्षेत्रों में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और जनता परेशान है. टिप्पर नहीं बढ़ाए जा रहे और न ही कचरे का समुचित निपटान हो रहा है.

उन्होंने भाजपा से मांग की कि 820 करोड़ रुपए की राशि तुरंत एमसीडी को दी जाए, ताकि कर्मचारियों की सैलरी समय पर दी जा सके. यह वादा भी भाजपा के कई अन्य अधूरे वादों की तरह न निकले, जैसे 2,500 रुपए की महिला सम्मान योजना या त्योहारों पर मुफ्त सिलेंडर की घोषणा.

पीकेटी/एबीएम/डीएससी