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Lucknow, 18 नवंबर . रामपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने दो पैन कार्ड रखने के मामले में सपा नेता आजम खान को सात साल की सजा सुनाई है. कोर्ट के इस फैसले की कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने Tuesday को निंदा की. सुरेंद्र राजपूत ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि जिस तरह से आजम खान को परेशान किया जा रहा है, वो बिल्कुल गलत है. इस तरह की स्थिति को एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने पूरी साजिश कर ली है कि कैसे भी करके आजम खान को परेशान किया जाए, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं. अगर किसी को लगता है कि वह अपनी साजिश से सत्य को परेशान कर सकता है, तो उसकी गलतफहमी है. लिहाजा, उसे अपनी गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए. हमें पूरा विश्वास है कि जिस तरह से पूर्व आजम खान को न्याय मिला है, ठीक उसी प्रकार से आगे भी न्याय मिलेगा. सत्य की आवाज को किसी भी कीमत पर दबाया नहीं जा सकता.
कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) की निंदा करते हुए कहा कि इसके दम पर बिहार में Political स्थिति को पूरी तरह से अपने अनुकूल कर लिया गया है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता. भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि एसआईआर के दम पर ये लोग लोकतंत्र की बलि चढ़ा रहे हैं, जो बिल्कुल अनुचित है. इस संबंध में कांग्रेस समिति बैठक करेगी और जल्द ही इस बारे में शीर्ष नेतृत्व को सूचित करेगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि आगे क्या फैसला करना है, ताकि स्थिति को अनुकूल किया जा सके.
सुरेंद्र राजपूत ने दिल्ली ब्लास्ट के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर उनके पास समय हो, तो मेहरबानी करके केंद्रीय गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल लें, अन्यथा इन लोगों ने तो मौजूदा समय में भाजपा का प्रचार मंत्रालय संभाल रखा है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि मौजूदा समय में ये लोग सभी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल चुनावी स्थिति को अपने पक्ष में करने के लिए करते हैं. अगर इन्हें मौका मिले, तो थोड़ा गृह मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल लें ताकि देश की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित हो सके.
दिल्ली ब्लास्ट मामले में संलिप्त आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि ऐसे लोगों को पाताल लोक से भी निकाला जाना चाहिए. ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि देश की सुरक्षा व्यवस्था के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ न हो.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सबसे ज्यादा आतंक का दंश झेला है. हमने अपने दो प्रधानमंत्रियों को आतंकवाद की वजह से खोया है. आतंकवाद का कोई धर्म या मजहब नहीं होता. आप अगर परेशान हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप किसी भी आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के लिए आजाद हैं. अन्याय के खिलाफ आतंक हथियार नहीं होता, बल्कि अहिंसा है. यही हमें महात्मा गांधी ने सिखाया है, जिसका हम पालन करते हैं.
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एसएचके/वीसी