जयपुर, 18 जून . राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से सांसद बनने के बाद हनुमान बेनीवाल ने विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया है. उन्होंने राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को अपना त्यागपत्र सौंप दिया. हनुमान बेनीवाल खींवसर से लगातार चौथी बार के विधायक थे. राजस्थान में कांग्रेस से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठबंधन है.
नागौर से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने नियमों के मुताबिक विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के बाद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव होने चाहिए.
सांसद बनने के बाद अपनी प्राथमिकताओं को गिनाते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा कि 24 जून को संसद सदस्य के रूप में शपथ लेंगे. शपथ लेने के साथ ही नीट परीक्षा को रद्द कराने का प्रयास करूंगा. उसके बाद अग्निवीर और राजस्थान के लंबित मुद्दे संसद में उठाऊंगा.
हनुमान बेनीवाल ने दिलचस्प बयान देते हुए कहा कि जो विधायक सांसद बने हैं, उन्हें इस्तीफा देने की बजाय विधानसभा और लोकसभा दोनों का सदस्य रहने का अधिकार होना चाहिए. जब अमेरिका में ऐसा है तो भारत में क्यों नहीं हो सकता?
हनुमान बेनीवाल के इस्तीफे के बाद खींवसर विधानसभा सीट खाली हो गई है. अब इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा. हनुमान बेनीवाल ने कहा कि खींवसर विधानसभा से आरएलपी ही चुनाव लड़ेगी. खींवसर की जनता की पसंद आरएलपी ही है.
खींवसर विधानसभा के उपचुनाव में पिछली बार अशोक गहलोत ने पूरी ताकत लगा दी थी, इसके बाद भी मेरी पार्टी आरएलपी ही जीती. इस बार चुनाव रोचक रहेगा.
उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन दिल्ली में है. स्टेट में इस चुनाव में क्या होगा, इसपर हम बात नहीं करेंगे. मैं तो यह चाहूंगा कि खींवसर ही नहीं अन्य सीटों पर भी आरएलपी के उम्मीदवार उतारे जाएं. देवली उनियारा, झुंझुनू जहां आरएलपी को चुनाव में वोट मिले, वहां भी हम लड़ना चाहते हैं.
–
एकेएस/