नई दिल्ली, 7 फरवरी . आंवला, मोरिंगा, गिलोय और अश्वगंधा जैसे औषधीय पौधों को लेकर चले सफल अभियानों के बाद, आयुष मंत्रालय ने स्वास्थ्य के लिए गुणकारी शतावरी के लाभ से अवगत कराने हेतु नया अभियान शुरू किया है.
औषधीय पौधों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए गुरुवार को केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने एक प्रजाति-विशिष्ट अभियान के तहत ‘शतावरी- बेहतर स्वास्थ्य के लिए’ अभियान का शुभारंभ किया.
प्रतापराव जाधव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. पोस्ट में उन्होंने लिखा, आज मैंने आयुष मंत्रालय के अन्तर्गत नई दिल्ली में ‘शतावरी- बेहतर स्वास्थ्य के लिए’ अभियान का शुभारंभ किया. यह अभियान महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है, जो पंच प्रण लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. पिछले 10 वर्षों में आयुष मंत्रालय की अभूतपूर्व प्रगति हुई है. राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के प्रयासों से पहले आंवला, मोरिंगा, गिलोय और अश्वगंधा पर भी जागरूकता अभियान चलाए गए हैं. शतावरी के औषधीय महत्व और इसकी कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड द्वारा 18.9 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
प्रतापराव जाधव ने 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बताए गए पंच प्राण लक्ष्य को प्राप्त करने में शतावरी की प्रासंगिकता पर भी जोर दिया. प्रधानमंत्री ने 2047 में भारत के 100वें स्वतंत्रता दिवस तक देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने की परिकल्पना की है. इस मिशन के तहत, शतावरी के पौधे को भारत में महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एक प्रमुख संसाधन के रूप में पहचाना गया है. यह नागरिकों के समग्र कल्याण के व्यापक लक्ष्य से जुड़ा हुआ है.
आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने औषधीय पौधों को बढ़ावा देने में एनएमपीबी की गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने औषधीय पौधों के संरक्षण, विकास और सतत प्रबंधन के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना के बारे में भी जानकारी साझा की, जो शतावरी सहित महत्वपूर्ण औषधीय प्रजातियों के दीर्घकालिक संरक्षण और खेती को सुनिश्चित करने से जुड़ी पहल है.
–
डीकेएम/केआर