किंशासा/अदीस अबाबा, 7 सितंबर . अफ्रीका में एमपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (अफ्रीका सीडीसी) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ एक संयुक्त महाद्वीपीय प्रतिक्रिया योजना शुरू करते हुए चेतावनी दी है.
सितंबर 2024 से फरवरी 2025 तक चलने वाली छह महीने की योजना का अनुमानित बजट लगभग 600 मिलियन डॉलर है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें से 55 प्रतिशत राशि प्रभावित देशों में एमपॉक्स की रोकथाम प्रयासों के लिए आवंटित की गई है, जबकि शेष 45 प्रतिशत को भागीदार संगठनों के माध्यम से परिचालन और तकनीकी सहायता के लिए निर्देशित किया गया है.
शुक्रवार को एक ऑनलाइन प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अफ्रीका सीडीसी के महानिदेशक जीन कासेया ने कहा कि 2024 के बाद से महाद्वीप में 24,851 संदिग्ध एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 5,549 मामलों की पुष्टि और 643 लोगों की मौत शामिल हैं.
कांगो इस वायरस के केंद्र के रूप में उभरा है, जहां से रिपोर्ट किए गए 90 प्रतिशत मामले सामने आए हैं. कांगो में 20,463 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 635 मौत शामिल हैं.
कासेया ने कहा कि पूरे अफ्रीका में एमपॉक्स के मामलों में वृद्धि हुई है, विशेष रूप से मई 2024 के बाद से. कम से कम 14 देश इससे प्रभावित हुए हैं.
डब्ल्यूएचओ के अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक मतशीदिसो मोएती ने कांगो में एमपॉक्स वायरस को रोकने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण का आह्वान किया है.
अगस्त के मध्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे बहुत गंभीर माना और कहा है कि यह दुनिया भर के लिए खतरा है. इसका कारण है एक नया और खतरनाक वैरिएंट, जिसे सितंबर 2023 में कोंगो में पहली बार देखा गया था. इस वेरिएंट को क्लेड 1बी कहा जाता है और यह अभी भी पूरी तरह से समझा नहीं गया है. इस क्लेड 1बी स्ट्रेन के मामले तब से कई देशों में सामने आए हैं, जिनमें स्वीडन और थाईलैंड शामिल हैं.
कांगो को गुरुवार को 99,100 एमपॉक्स वैक्सीन का पहला बैच प्राप्त हुआ है. वह वर्तमान में एक वितरण और टीकाकरण रणनीति विकसित कर रहा है, खासकर देश के पूर्वी हिस्से में, जहां लंबे समय तक मानवीय संकट के बीच ज्यादातर मामले सामने आए हैं. हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों ने अभी तक यह घोषणा नहीं की है कि टीकाकरण कब शुरू होगा.
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एसएम/एफजेड