ईरान बंदरगाह विस्फोट पर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार ने जताया दुख, कहा – तेहरान के साथ खड़ा है काबुल

काबुल, 27 अप्रैल . अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार ने पड़ोसी देश ईरान के बंदरगाह पर हुए विस्फोट पर दुख व्यक्त किया. इस विस्फोट में बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं. देश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में यह जानकारी दी.

अफगानिस्तान इस्लामिक अमीरात के विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता हाफिज जिया अहमद ने सोशल मीडिया पर एक बयान पोस्ट किया.

विदेश मंत्रालय ने कहा, “अफगानिस्तान इस्लामिक अमीरात बंदर अब्बास में हुए दुखद विस्फोट पर गहरा दुख और खेद व्यक्त करता है, जिसके परिणामस्वरूप नागरिकों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए. इस घटना के लिए हम पड़ोसी देश की सरकार और लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हैं.”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार बयान में कहा गया कि इस दुखद घड़ी में अफगानिस्तान की सरकार और लोग पड़ोसी देश ईरान की सरकार और लोगों के साथ खड़े हैं.

ईरान के एक प्रमुख बंदरगाह पर हुए भीषण विस्फोट में कम से कम 25 लोगों की मौत हुई है और 800 लोग घायल हुए हैं. यह विस्फोट शनिवार सुबह दक्षिणी शहर बंदर अब्बास के पास देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बंदरगाह शाहिद राजाई बंदरगाह में हुआ.

ब्लास्ट से आस-पास की इमारतों की खिड़कियां और छतें उड़ गईं और कारें नष्ट हो गईं.

स्थानीय निवासियों ने बताया कि विस्फोट का असर 50 किमी (31 मील) दूर तक महसूस किया गया. सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, छह लोग लापता हैं.

फारस की खाड़ी के किनारे और होर्मोज जलडमरूमध्य के पास स्थित, शाहिद राजाई बंदरगाह, ईरान का सबसे बड़ा कंटेनर हब है, जो देश की लगभग 80% कंटेनर गतिविधियों को संभालता है.

ईरान के संकट प्रबंधन संगठन के प्रवक्ता होसैन जफरी ने शाहिद राजाई में कंटेनरों में रसायनों के खराब भंडारण को विस्फोट के लिए दोषी ठहराया. उन्होंने ईरान की आईएलएनए समाचार एजेंसी को बताया, “विस्फोट का कारण कंटेनरों के अंदर मौजूद रसायन थे.”

जफरी ने कहा, “इससे पहले, संकट प्रबंधन के महानिदेशक ने अपने दौरे के दौरान इस बंदरगाह को चेतावनी दी थी और खतरे की संभावना की ओर इशारा किया था.”

हालांकि, ईरानी सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि यद्यपि विस्फोट संभवतः रसायनों के कारण हुआ है, फिर भी इसका सटीक कारण निर्धारित करना अभी तक संभव नहीं है.

राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने घटना की जांच के आदेश दिए और आंतरिक मंत्री को घटनास्थल पर भेजा.

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