पाकिस्तान को ऐसे सबक सिखाएगा अफगानिस्तान, कुनार नदी पर जल्द से जल्द बांध बनाने की कर रहा तैयारी

काबुल, 24 अक्टूबर . 22 अप्रैल को पहलगाम में Pakistan प्रायोजित आतंकवादी हमले के जवाब में India द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला लिया गया. यह Pakistan के लिए सबसे बड़ा झटका था. वहीं अब अफगानिस्तान भी Pakistan का पानी रोकने की प्लानिंग कर रहा है.

India के सिंधु जल समझौते रद्द करने के महीनों बाद, अफगानिस्तान ने “जल्द से जल्द” कुनार नदी पर बांध बनाने की अपनी योजना की घोषणा की है. अफगानिस्तान के इस फैसले से इस्लामाबाद में बेचैनी बढ़ सकती है.

दरअसल, तालिबान के उप सूचना मंत्री मुहाजेर फराही ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “अमीर अल-मुमिनिन, अल्लाह उनकी रक्षा करे, ने उन्हें कुनार नदी पर बांधों का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू करने, घरेलू कंपनियों के साथ अनुबंध करने और अन्य विदेशी कंपनियों का इंतजार न करने का निर्देश दिया है. मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसूर कहते हैं, ‘अफगानों को अपने पानी का प्रबंधन करने का अधिकार है.’ “

बीते कुछ दिनों में Pakistan और अफगानिस्तान के बीच काफी तनाव देखने को मिला. ऐसे में अफगानिस्तान Government का ये फैसला इस बात का संकेत दे रहा है कि भविष्य में Pakistan का पानी रोका जाएगा.

चित्राल नदी को अफगानिस्तान में कुनार नदी के नाम से भी जाना जाता है. यह उत्तरी Pakistan और पूर्वी अफगानिस्तान में बहने वाली 480 किलोमीटर लंबी नदी है. यह नदी Pakistan में गिलगित-बाल्टिस्तान और चित्राल की सीमा पर स्थित चियांतार ग्लेशियर से निकलती है.

अरंडू में यह अफगानिस्तान में प्रवेश करती है, जहां इसे कुनार नदी कहा जाता है. बाद में यह अफगानिस्तान के नंगहार प्रांत में काबुल नदी में मिल जाती है. यह नदी प्रणाली पिघलते ग्लेशियरों और हिन्दू कुश पर्वतों की बर्फ से घिरी है.

गौरतलब है कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने 9 अक्टूबर से India का दौरा शुरू किया, जो Pakistan की आंखों का किरकिरी हो गया. Pakistan ने मुत्ताकी की यात्रा के पहले ही दिन काबुल में ड्रोन हमले किए.

2021 में सत्ता में आने के बाद से, काबुल के वास्तविक शासकों ने जल संप्रभुता को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर दिया है. ध्यान रहे कि अफगानिस्तान और Pakistan के बीच कोई जल सहयोग नहीं है.

थिंक-टैंक इंटरनेशनल वाटर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के अनुसार, “सीमा पार बहने वाली नौ नदियों में से किसी के पास साझा जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए कोई औपचारिक समझौता या तंत्र नहीं है.”

अतीत में भी Pakistan ने अफगानिस्तान की जल संप्रभुता पर चिंता जताई है, और ऐसा लगता है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में और अधिक परेशानी पैदा करेगा.

केके/जीकेटी