इस्लामाबाद, 23 फरवरी . पाकिस्तान ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका में पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे हजारों अफगान नागरिकों के मामलों को खारिज कर दिया गया या समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा.
वॉयस ऑफ अमेरिका के अनुसार तुर्की में स्थानीय मीडिया से बात करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा, “यदि किसी शरणार्थी को किसी अन्य देश ने उचित प्रक्रिया के बाद लेना है लेकिन वह देश ऐसा करने से इनकार कर दे तो हमारे लिए, वह शरणार्थी पाकिस्तान में एक अवैध आप्रवासी होगा, और उसे उसके मूल देश, वापस भेजने के लिए हमें मजबूर होना पड़ सकता है.”
पिछले काफी समय से काबुल-इस्लामाबाद के बीच रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं ऐसे में पाकिस्तान का यह कदम तनाव और बढ़ाएगा.
व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक कार्यकारी आदेश के अनुसार, पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक आदेश पारित कर अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम को तब तक के लिए निलंबित कर दिया था, जब तक कि शरणार्थियों का अमेरिका में प्रवेश अमेरिका के हितों के अनुरूप नहीं होता.
हालांकि, अफगानिस्तान ने अभी तक इशाक डार के नवीनतम बयानों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
एक अलग घटनाक्रम में, पाकिस्तानी सरकार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अफगान महिला न्याय आंदोलन की सदस्य जहरा मौसवी को वापस अफगानिस्तान भेजने की योजना बना रही है. उन्हें वर्तमान में इस्लामाबाद में पाकिस्तानी पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है.
अफगानिस्तान के अमू टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक मानवाधिकार संगठनों की बार-बार चेतावनी के बावजूद, पाकिस्तान ने कई अफगान शरणार्थियों पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है और उन्हें विभिन्न बहानों के तहत गिरफ्तार किया गया है.
अपने देश में युद्ध और संघर्ष से भागकर, अफ़गानिस्तान के लोग दशकों से पाकिस्तान में शरण लेते रहे हैं. 2021 में तालिबान के सत्ता में वापस आने के बाद, लाखों अफगान उत्पीड़न के डर से पाकिस्तान चले गए.
2023 में, प्रवासियों की स्थिति और खराब हो गई क्योंकि पाकिस्तानी अधिकारी अपमानजनक रणनीति और सामूहिक निर्वासन में शामिल हो गए.
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