Lucknow, 17 जून . कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने इजरायल और ईरान के बीच बनी युद्ध की स्थिति को देखते हुए India Government की तरफ से जारी एजवाइजरी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि केंद्र Government को इस तरह की एजवाइजरी निकालने से बचना चाहिए.
कांग्रेस नेता ने कहा, “Government का कर्तव्य होना चाहिए कि वो मुश्किल में फंसे अपने नागरिकों को बचाने के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करें. लेकिन, जिस तरह की एडवाइजरी केंद्र Government की तरफ से जारी की गई है, उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.”
उन्होंने भाजपा के उस दावे पर भी सवाल उठाया, जिसमें कहा गया था कि मोदी Government ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए रूस और यूक्रेन का युद्ध रुकवा दिया था. राजपूत ने इतिहास याद दिलाते हुए वर्तमान हालात की बात की. बोले, “अब ईरान के संबंध में जिस तरह की एडवाइजरी जारी की गई है, वो दुर्भाग्यपूर्ण है. केंद्र Government को अपनी जिम्मेदारी से बचना नहीं चाहिए, बल्कि उसका निर्वहन करना चाहिए.”
इसके अलावा, कांग्रेस नेता ने इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध को लेकर विदेश नीति पर अपना रुख स्पष्ट किया. कहा, ” हमने किसी का पक्ष नहीं लिया. हमने सिर्फ एक आक्रमणकारी देश की मुखालफत की है. क्या यह सच नहीं है कि इजरायल ने पहले ईरान पर हमला किया, उसकी सीमा में अतिक्रमण करने का प्रयास किया. तेहरान में बम बरसाए. हमने कुछ नहीं किया. हमने सिर्फ अपनी प्रचलित विदेश नीति का अनुसरण किया है. जिस तरह से इजरायल ने ईरान पर हमला किया है, उसे देखते हुए ईरान को भी जवाब देने का पूरा हक है. लेकिन, मुझे लगता है कि मौजूदा समय में ईरान को भी संयम बरतना होगा.”
सुरेंद्र राजपूत ने पीएम मोदी के कनाडा दौरे पर भी टिप्पणी की. कहा कि हम सबको पता है कि जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए Prime Minister मोदी को आमंत्रित किया गया है. Prime Minister मोदी को कनाडा के Prime Minister को यह बात कहनी होगी कि आपको सिख अलगावादियों के साथ अपना रवैया बदलकर उन्हें India को सौंपना होगा. निश्चित तौर पर हमें Prime Minister मोदी से बहुत उम्मीदें हैं. हमें पूरा भरोसा है कि वो इतिहास रचेंगे, लेकिन अगर वो इतिहास नहीं रचते हैं, तो हिंदुस्तान की जनता उन्हें इतिहास में बिल्कुल याद नहीं रखेगी.
वहीं, उन्होंने केंद्र के जातिगत जनगणना के फैसले को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दबाव का नतीजा बताया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के दबाव में आकर केंद्र Government ने जातिगत जनगणना कराने का फैसला तो कर लिया है, लेकिन यह जनगणना 2027 में होगी. इस वजह से महिलाओं को आरक्षण 2034 में मिलेगा. इसके अलावा, जातिगत जनगणना के संबंध में जो अधिसूचना जारी की गई है, उसमें एक बार भी ‘जाति’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इससे इनका दोहरा चरित्र साफ जाहिर होता है, जिसे मौजूदा समय में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
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एसएचके/केआर