महाराष्ट्र में बाढ़ पर तुरंत राहत पैकेज की जरूरत : आदित्य ठाकरे

Mumbai , 30 सितंबर . शिवसेना (यूबीटी) नेता और Maharashtra के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने राज्य के कई जिलों में आई बाढ़ को लेकर केंद्र और प्रदेश Government पर जमकर हमला बोला. उन्‍होंने केंद्र से तत्‍काल राहत पैकेज की मांग की. उन्‍होंने आरोप लगाया कि चुनाव न होने की वजह से Maharashtra को नजरअंदाज किया जा रहा है.

आदित्य ठाकरे ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पिछले 5-8 सालों में पूरे देशभर में क्लाइमेट चेंज की स्थिति साफ दिख रही है. केरल, हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, हैदराबाद में प्रलय आया और अब Maharashtra भी इससे जूझ रहा है. मराठवाड़ा, विदर्भ और पश्चिम Maharashtra के किसान बुरी तरह प्रभावित हैं. फसलें बर्बाद हो गईं और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे समय में केंद्र Government को तुरंत मदद करनी चाहिए थी. हमारी मांग है कि प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए का मुआवजा और कर्जमाफी दी जाए. जब चुनाव होते हैं, तभी केंद्र तुरंत राहत भेजता है, इस बार चुनाव न होने की वजह से Maharashtra को नजरअंदाज किया जा रहा है. अगर केंद्र के पास पैसा नहीं है तो Prime Minister राहत कोष से सहायता दी जानी चाहिए.

उन्‍होंने एशिया कप में भारत-Pakistan मैच में India की जीत के जश्‍न को लेकर कहा कि जब पहलगाम में हमला हुआ और हमारे लोग शहीद हुए, तो क्या यही सेलिब्रेट करने का समय है? बीसीसीआई और भाजपा के लोग Pakistan के पूर्व खिलाड़ी शाहिद अफरीदी के साथ बैठकर मैच देखते और जश्न मनाते हैं, यह देश के लिए शर्मनाक है. Pakistan हमारे नागरिकों की जान लेता है और हम उसके साथ क्रिकेट खेलकर जश्न मनाते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. पहले भी हिंदुओं पर अत्याचार होने की बात कहकर बांग्लादेश में सीरीज खेली गई थी, यह दोहरा रवैया है. भाजपा को इसका जवाब देना चाहिए.

पूर्व Union Minister एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के Mumbai आतंकी हमले को लेकर दिए हालिया बयान चर्चा का विषय बना हुआ है. इस पर आदित्‍य ठाकरे ने प्रतिक्रिया दी. उन्‍होंने कहा कि सालों पुराने मामलों में उलझने के बजाय आज की स्थिति पर बात होनी चाहिए.

दरअसल, तत्कालीन मनमोहन सिंह Government में Union Minister रहे पी. चिदंबरम ने अपने हालिया बयान में कहा कि 2008 में हुए आतंकी हमले के बाद उनके मन में बदला लेने का विचार आया था, लेकिन तब की तत्कालीन कांग्रेस Government ने सैन्य कार्रवाई नहीं करने का फैसला लिया. चिदंबरम के इस बयान के बाद Political बयानबाजी तेज है.

एएसएच/एबीएम