अदाणी ग्रुप इस्कॉन के साथ मिलकर महाकुंभ में शुरू करेगा ‘महाप्रसाद सेवा’, लाखों लोगों को मिलेगा नि:शुल्क भोजन

अहमदाबाद, 9 जनवरी . अदाणी ग्रुप ने गुरुवार को लोगों की सेवा के उद्देश्य से धार्मिक संस्थान इस्कॉन के साथ मिलकर प्रयागराज में 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी के बीच होने वाले महाकुंभ में ‘महाप्रसाद सेवा’ शुरू करने का फैसला किया है.

इस ‘महाप्रसाद सेवा’ के जरिए अदाणी ग्रुप महाकुंभ में आए लाखों श्रद्धालुओं को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराएगा.

इस सेवा कार्य में योगदान के लिए अदाणी ग्रुप के प्रमुख गौतम अदाणी ने इस्कॉन के गुरु प्रसाद स्वामी जी से भी मुलाकात की.

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर की गई पोस्ट में कहा, “कुंभ सेवा की वो तपोभूमि है जहां हर हाथ स्वतः ही परमार्थ में जुट जाता है. यह मेरा सौभाग्य है कि महाकुंभ में हम इस्कॉन के साथ मिलकर श्रद्धालुओं के लिए ‘महाप्रसाद सेवा’ आरंभ कर रहे हैं, जिसमें मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से लाखों लोगों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाएगा.”

उन्होंने आगे कहा कि इस संदर्भ में आज इस्कॉन के गुरु प्रसाद स्वामी जी से मिल कर सेवा के प्रति समर्पण की शक्ति को गहराई से अनुभव करने का अवसर प्राप्त हुआ.

अपनी पोस्ट के अंत में गौतम अदाणी ने लिखा कि सच्चे अर्थों में सेवा ही राष्ट्रभक्ति का सर्वोच्च स्वरूप है. सेवा साधना है, सेवा प्रार्थना है और सेवा ही परमात्मा है.

महाकुंभ में 50 लाख श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद सेवा का संचालन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा. इस्कॉन ने मेला क्षेत्र और उसके बाहर महाप्रसाद बनाने के लिए दो किचन तैयार किए हैं और महाकुंभ क्षेत्र में 40 स्थानों पर महाप्रसाद सेवा श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध होगी. इस सेवा में 2,500 वालंटियर योगदान देंगे. कुंभ मेले में दिव्यांगों, बुजुर्गों और छोटे बच्चों वाली माताओं के लिए गोल्फ कार्ट की भी व्यवस्था की गई है. इस दौरान श्रद्धालुओं के बीच गीता सार की 5 लाख प्रतियां भी वितरित की जाएंगी.

आस्था के पर्व महाकुंभ में देश-दुनिया से करोड़ों लोग आएंगे.

महाकुंभ मेले में महाप्रसाद सेवा के संदर्भ में इस्कॉन गवर्निंग बॉडी कमीशन के चेयरमैन, परम पूज्य प्रसाद स्वामी जी ने कहा, ”अदाणी समूह हमेशा कॉरपोरेट जिम्मेदारी और सामाजिक सेवा का एक शानदार उदाहरण रहा है. गौतम अदाणी को उनकी विनम्रता उत्कृष्ट बनाती है. वह कभी भी बुलाए जाने का इंतजार नहीं करते, बल्कि, निस्वार्थ भाव से सेवा करने के लिए स्वयं आगे बढ़ते हैं. हम उनके योगदान के लिए बेहद आभारी हैं. उनका काम हमें समाज को वापस लौटाने और मानवता की सेवा में एकजुट होने के लिए प्रेरित करता है.”

एबीएस/एबीएम