अहमदाबाद, 9 सितंबर . अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) की ओर से सोमवार को कहा गया है कि कंपनी ने सभी बकाया 750 मिलियन डॉलर या 4.375 प्रतिशत के होल्डको नोट्स को पूरी तरह से रिडीम कर लिया है.
अदाणी ग्रुप की कंपनी की ओर से जनवरी 224 में रिडेम्पशन रिजर्व खाते के माध्यम से होल्डको नोट्स को पूरी तरह से बैकस्टॉप करने की घोषणा की गई थी. यह दिशानिर्देशों के अनुपालन के लिए मैच्योरिटी पर होल्डको नोट्स को भुनाने की तारीख से आठ महीने पहले किया जाता है.
कंपनी की ओर से बयान में कहा गया कि तीन वर्ष के होल्डको नोट्स सितंबर 2021 में जारी हुए थे. इसके माध्यम से कंपनी की उच्च वृद्धि दर को समर्थन मिला है. बीते तीन वर्षों में अदाणी ग्रीन एनर्जी की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता तीन गुना बढ़कर 11.2 गीगावाट हो गई है, जो कि पहले 3.5 गीगावाट थी. इस दौरान रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता में 48 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़त हुई है.
कंपनी ने आगे कहा कि एजीईएल ने तेज ग्रोथ को हासिल करके दिखाया है और कंपनी नोट्स को रिफाइनेंसिंग के बजाय कैश के जरिए रिडीम कर रही है.
आगे कहा, “ऑपरेशनल एसेट्स के जरिए मजबूत कैशफ्लो और कंस्ट्रक्शन फैसिलिटी फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के जरिए आसानी से कंपनी वित्त वर्ष 2030 तक 50 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को हासिल करने के लिए होने वाले पूंजीगत खर्च को पूरी तरह फंड कर सकती है.”
एजीईएल के प्रमोटर्स ने दिसंबर 2023 में 9,350 करोड़ रुपये के प्रिफेंशियल वारंट सब्सक्राइब करने पर सहमति दी थी. इसमें से 7,013 करोड़ रुपये (835 मिलियन डॉलर) के फंड का इस्तेमाल अदाणी ग्रीन एनर्जी के पूंजीगत खर्च को पूरा करने के लिए किया जाएगा.
कंपनी के मैनेजमेंट का फोकस एसेट्स डेवलपमेंट के जरिए लंबी अवधि में वैल्यू क्रिएशन पर है. कंपनी के पास ऑपरेशनल एसेट्स का एक मजबूत बेस है जो कंपनी के अंडर-कंस्ट्रक्शन डेवलपमेंट का समर्थन करने में सक्षम है.
एजीईएल के पास मौजूदा समय में 11.2 गीगावाट का ऑपरेशनल रिन्यूएबल पोर्टफोलियो है, जो कि भारत के 12 राज्यों में फैला हुआ है.
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एबीएस/केआर