तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले अभिनेता सुमन, आरोपियों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई

अनंतपुर, 30 सितंबर . दक्षिण भारतीय अभिनेता सुमन ने सोमवार को तिरुपति मंदिर के प्रसादम में मिलावट करने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई.

अभिनेता ने कहा कि जिसने भी हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना अपराध है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने आगे कहा, “मैं इस बात को फिर दोहराता हूं कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो. इसमें शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो. इसमें संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त के बाहर है. ”

सुमन अनंतपुर के गुंथकल्लू में एक दुकान के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए थे. जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में तिरुपति के लड्डू विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी.

दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासन के दौरान लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में पशुओं की चर्बी मिली थी.

मुख्यमंत्री ने इसे लेकर पुलिस उप महानिरीक्षक की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा आरोपों की जांच के आदेश दिए. वहीं, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू के दावों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने झूठे आरोप लगाकर तिरुमला मंदिर की प्रतिष्ठा को कम किया है और भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.

इस बीच रविवार (29 सितंबर) को पूर्व सीएम ने अपनी सफाई में एक पोस्ट किया. जिसमें दावा किया गया कि वर्तमान सीएम चंद्रबाबू नायडू के आरोप तथ्यहीन हैं. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी प्रमुख रेड्डी ने रविवार को कहा कि चंद्रबाबू नायडू की सरकार द्वारा नियुक्त तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) के बयान टीडीपी अध्यक्ष के दावों को खारिज करते हैं.

इस मामले को लेकर आज (30 सितंबर) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होगी. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी.सुब्रमण्यस्वामी, वाईवी सुब्बारेड्डी और विक्रम संपत ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित कर न्यायिक जांच की मांग उठाई है.

एसएचके/केआर