अभिनेता पुनीत इस्सर ने पुरखों की आत्मा की शांति के लिए मोक्षस्थली गयाजी में किया पिंडदान ‎

गयाजी, 8 सितंबर . सिनेमा जगत के अभिनेता और लोकप्रिय टीवी धारावाहिक महाभारत में दुर्योधन की भूमिका निभाकर घर-घर में पहचान बनाने वाले सुप्रसिद्ध कलाकार पुनीत इस्सर ने Monday को मोक्षस्थली बिहार के गयाजी पहुंचकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए पिंडदान किया. उन्होंने फल्गु नदी तट पर विधिवत श्राद्ध-कर्म सम्पन्न किया.

वे विष्णुपद मंदिर भी पहुंचे और वहां भी कर्मकांड किया. इस मौके पर उनके परिवार के कई अन्य सदस्य भी मौजूद रहे. पिंडदान के उपरांत अभिनेता पुनीत इस्सर ने पितृपक्ष मेले में की गई व्यवस्था की सराहना की. उन्होंने कहा कि गयाजी विश्वभर में पिंडदान के लिए विख्यात है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरकार और प्रशासन ने बेहतर इंतजाम किए हैं. ‎ ‎

इस दौरान उन्होंने कहा कि गयाजी आकर उन्हें आध्यात्मिक संतोष और शांति की अनुभूति हुई. बिहार अब पहले जैसा नहीं है.

उन्होंने कहा, “मैं निःशब्द रह गया. बिहार के बारे में जो भी सुना था, उससे विपरीत पाया. इतनी बढ़िया व्यवस्था…आप रास्ते कहिए या अन्य सुविधाएं, बिहार पहले जैसा बिहार नहीं है. मैं हवाई अड्डे से यहां मेला क्षेत्र आया. सभी जगह व्यवस्थाएं अच्छी नजर आईं.” ‎

प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार अपने पितरों के मोक्ष तथा शांति के लिए पिंडदान करने के लिए गयाजी आते हैं. यहां विष्णुपद मंदिर, फल्गु नदी, अक्षय वट एवं अन्य कई पवित्र स्थानों पर स्थित वेदियों पर श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. ‎

‎मान्यता है कि मृत्यु के पश्चात मनुष्य की आत्मा इस भौतिक जगत में ही विचरण करती रहती है. केवल शरीर नष्ट होता है, आत्मा अमर रहती है. यदि व्यक्ति का परिवार पिंडदान करता है, तो उस आत्मा को इस लोक से मुक्ति मिलती है और वह सदैव के लिए बंधनों से मुक्त हो जाती है. ‎पितृपक्ष में देश-विदेश से हजारों पिंडदानी अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए गयाजी पहुंचते हैं. पिंडदानियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की ओर से व्यापक तैयारी की गई है. ‎

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‎एमएनपी/एएस