महादेव सट्टा ऐप घोटाले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी : अरुण साव

रायपुर, 14 अक्टूबर . छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महादेव सट्टा ऐप घोटाले को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि महादेव सट्टा ऐप अभी भी चल रहा है. रवि उप्पल और अन्य प्रमोटर कब पकड़े जाएंगे? महादेव सट्टा ऐप अभी तक बंद नहीं हुआ है. इससे साफ है कि भारत सरकार में बैठे लोग महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटरों से पैसे ऐंठ रहे हैं. बघेल के इस बयान पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने प्रतिक्रिया दी है.

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने से कहा कि महादेव सट्टा ऐप घोटाले की जांच में लगातार लोगों की संलिप्तता सामने आ रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

हरियाणा चुनाव के बाद झारखंड और हरियाणा में ईडी की छापेमारी को लेकर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है और यह उसी का हिस्सा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई की गई है, जहां भी भ्रष्टाचार है, वहां कार्रवाई जरूर होगी.

बता दें कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें लोकसभा चुनाव से पहले हीं इस मामले को लेकर बढ़ गई थी, क्योंकि ईओडब्ल्यू ने महादेव बेटिंग ऐप के मालिकों से 508 करोड़ रुपए की प्रोटेक्शन मनी लेने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली थी. बघेल सहित 18 अन्य लोगों को इसमें आरोपी बनाया गया था. इसके साथ ब्यूरोक्रेट्स व पुलिस अधिकारियों के साथ अज्ञात लोगों का भी इसमें जिक्र है. भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित बताया था.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महादेव बेटिंग ऐप के मालिक सौरव चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी और अनिल से प्रोटेक्शन मनी लेने का आरोप है. ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट में जिन आरोपियों के नाम दर्ज है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का नाम है.

ज्ञात हो कि चंद्राकर और उप्पल के करीबी असीम दास को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद रायपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया था. उसके पास से पौने तीन करोडट रुपये बरामद किए गए थे. असीम ने अपने बयान में कहा था कि यह पैसे वह भूपेश बघेल को देने आया था. इसी दौरान असीम ने 508 करोड़ रुपये भूपेश बघेल तक पहुंचाने का दावा भी किया था. इसी आधार पर यह एफआईआर दर्ज की गई थी.

आरके/जीकेटी