मुंबई : ईडी की सागर सूर्यवंशी ग्रुप पर कार्रवाई, 45.26 करोड़ की संपत्ति सहकारी बैंक के लिक्विडेटर को सौंपी

Mumbai , 22 अगस्त . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के Mumbai स्थित जोनल कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 की धारा 8(8) के तहत सागर सूर्यवंशी ग्रुप की 45.26 करोड़ रुपए की चल संपत्ति को बैंक के लिक्विडेटर को सौंप दिया है. ईडी ने यह कार्रवाई विनय विवेक अरनहा और अन्य (मेसर्स सेवा विकास सहकारी बैंक धोखाधड़ी) के खिलाफ एक मामले में की है.

ईडी की जांच में पता चला कि सेवा विकास सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष अमर मूलचंदानी ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर उधारकर्ताओं को अनुचित लाभ पहुंचाया और उनकी साख की जांच किए बिना लोन मंजूर किए. धोखाधड़ी के माध्यम से सागर सूर्यवंशी ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों या संस्थाओं के नाम पर 10 लोन हासिल किए, जिनका कुल मूल्य 41.42 करोड़ रुपए था. इन लोन का इस्तेमाल सूर्यवंशी और उनके परिवार ने विभिन्न संपत्तियों की खरीद के लिए किया.

जांच में यह भी सामने आया कि इन लोन खातों से धन को अन्य आरोपियों और उनकी संबंधित कंपनियों या फर्मों में डायवर्ट किया गया. डायवर्ट की गई राशि को ज्यादातर नकद में निकाला गया या व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया, जो कि लोन के मूल उद्देश्य से अलग था. नतीजतन, आरोपी और उसके परिवार के सदस्यों या संस्थाओं द्वारा लिए गए 10 लोन जानबूझकर चूक के कारण एनपीए बन गए, जिनका 31 मार्च 2021 तक बकाया 60.67 करोड़ रुपए था.

सूर्यवंशी ग्रुप की संपत्तियों को पीएमएलए, 2002 की धारा 5 के तहत जब्त किया गया और 19 मई, 2023 को विशेष पीएमएलए कोर्ट में अभियोजन शिकायत दर्ज की गई थी. बैंक के लिक्विडेटर ने पीएमएलए की धारा 8(8) के तहत विशेष पीएमएलए कोर्ट, Mumbai में एक आवेदन दायर किया था.

बैंक के लिक्विडेटर ने पीएमएलए की धारा 8(8) के तहत Mumbai के विशेष पीएमएलए कोर्ट में एक आवेदन दायर किया. जमाकर्ताओं के हित और वर्तमान में चल रही पुनर्स्थापन प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए ईडी ने व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया और लिक्विडेटर के आवेदन का समर्थन किया.

इसके लिए ईडी ने Mumbai के विशेष पीएमएलए कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर संपत्तियों को लिक्विडेटर को सौंपने की मांग की, ताकि इन्हें वैध और ईमानदार जमाकर्ताओं को पुनर्स्थापित किया जा सके.

ईडी के हलफनामे के आधार पर विशेष पीएमएलए कोर्ट ने सागर सूर्यवंशी ग्रुप की 45.26 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को सेवा विकास सहकारी बैंक के लिक्विडेटर को सौंपने का आदेश दिया.

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