करूर मामले के बाद तमिलनाडु में गर्भपात की गोलियों की अवैध बिक्री पर कार्रवाई

चेन्नई, 27 सितंबर . करूर जिले के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में अपूर्ण गर्भपात का मामला सामने आने के बाद, राज्य औषधि नियंत्रण अधिकारियों ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) किट के अवैध व्यापार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है.

यह कदम मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट के तहत जरूरी डॉक्टर के पर्चे और निगरानी के बिना चल रही एक बड़ी सप्लाई चेन का पता चलने के बाद उठाया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में एक महिला को मेडिकल सिस्टम के बाहर से खरीदी गई एमटीपी गोलियां लेने के बाद अनियंत्रित गर्भपात की वजह से जटिलताएं हुईं, जिसके कारण उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में भर्ती कराया गया. इसी घटना के बाद यह अलर्ट मिला.

नमक्कल जिले में औषधि निरीक्षकों की जांच में हजारों एमटीपी किट की अवैध खरीद-फरोख्त का पता चला.

जांच के अनुसार, 6,700 से अधिक एमटीपी किट, जिनमें मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल दवाएं थीं, एक दूसरे राज्य के निर्माता से थोक में खरीदी गईं और बिना डॉक्टर की निगरानी के बांटी गईं.

कथित तौर पर, आपूर्तिकर्ता के पास जरूरी लाइसेंस नहीं था, लेकिन उसने कई महीनों तक किसी और के थोक लाइसेंस का इस्तेमाल करके ये दवाएं खरीदीं. बाद में ये दवाएं तमिलनाडु के थेनी और सलेम जिलों समेत कई इलाकों में बेची गईं.

अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि जानलेवा समस्याओं से बचने के लिए एमटीपी किट की बिक्री और इस्तेमाल पर सख्त नियंत्रण होना चाहिए. यह सिर्फ योग्य डॉक्टरों द्वारा लिखी जानी चाहिए और मरीजों की सुरक्षा के लिए केवल अनुमोदित स्वास्थ्य केंद्रों में ही दी जानी चाहिए.

ऐसी दवाओं के बिना नियंत्रण उपयोग से गंभीर रक्तस्राव, अपूर्ण गर्भपात, संक्रमण और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.

राज्य के औषधि नियंत्रण प्रशासन (डीसीए) ने अनधिकृत व्यापार में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए स्थानीय Police में शिकायत दर्ज कराई है.

अधिकारी खरीदारों के नेटवर्क और अनियमित गर्भपात केंद्रों से जुड़े संभावित संबंधों की जांच भी कर रहे हैं. यह पता लगाने के लिए आगे की जांच चल रही है कि यह धंधा कब से चल रहा था और ये दवाएं अंतिम उपयोगकर्ताओं तक कैसे पहुंचीं.

स्वास्थ्य अधिकारियों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से फिर से कहा है कि वे मेडिकल दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर कड़ा नियंत्रण करें.

उन्होंने चेतावनी दी कि तमिलनाडु के बाहर के आपूर्तिकर्ताओं से गर्भपात की गोलियों की आसान ऑनलाइन उपलब्धता सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है. इसलिए, अवैध बाजार को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है.

एसएचके/एएस