थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न सस्पेंड, लीक कॉल मामले में कार्रवाई

बैंकॉक, 1 जुलाई . थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने मंगलवार को प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा को निलंबित कर दिया. यह फैसला उस याचिका को स्वीकार करने के बाद आया है, जिसमें एक लीक हुई फोन कॉल के चलते उन्हें पद से हटाने की मांग की गई थी. यह कॉल कम्बोडिया के सीमा मुद्दों को लेकर थी.

न्यायाधीशों की एक पीठ ने सर्वसम्मति से याचिका को स्वीकार किया और कहा कि अंतिम निर्णय आने तक प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न को तत्काल प्रभाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन रोकना होगा.

अदालत ने कहा कि गंभीर और अपूरणीय क्षति से बचने के लिए अस्थायी उपाय किए जा रहे हैं. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश मामलों और वित्त से संबंधित सभी कार्यों और शक्तियों के उपयोग से तब तक रोक दिया गया है जब तक अंतिम फैसला नहीं आ जाता.

यह कदम ऐसे समय पर आया है, जब पिछले महीने कुछ सीनेटरों ने आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की थी कि पैटोंगटार्न ने कम्बोडियाई सीनेट अध्यक्ष समदेक टेचो हुन सेन से हुई एक टेलीफोन बातचीत के दौरान नैतिक मानकों का गंभीर उल्लंघन किया और संविधान का उल्लंघन किया.

इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया. पिछले सप्ताह हजारों प्रदर्शनकारी बैंकॉक की सड़कों पर उतरे और प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की.

कोर्ट के फैसले के बाद पैटोंगटार्न ने कहा कि वह अदालत के फैसले को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करती हैं और 15 दिनों के भीतर अदालत को अपना स्पष्टीकरण देंगी.

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उपप्रधानमंत्री सुरिया जुआंगरुंगरुआंगकित कार्यवाहक प्रधानमंत्री की भूमिका निभाएंगे और गुरुवार को नए कैबिनेट सदस्यों के साथ शपथ लेंगे.

इस बीच, थाई राजा महा वजिरालोंगकोर्न ने पैटोंगटार्न द्वारा पहले प्रस्तावित कैबिनेट फेरबदल को मंजूरी दे दी है. यह निर्णय मंगलवार को अदालत के फैसले से पहले उस समय लिया गया जब सत्तारूढ़ गठबंधन की एक प्रमुख पार्टी ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया.

बता दें कि 38 वर्षीय पैटोंगटार्न, फ्यु थाई पार्टी की नेता और पूर्व प्रधानमंत्री थाक्सिन शिनावात्रा की बेटी हैं. उन्हें अगस्त 2024 में संसद में बहुमत से चुने जाने के बाद थाईलैंड की सबसे युवा और दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ था.

डीएससी/एबीएम