देवेंद्र फडणवीस की औरंगजेब से तुलना करने पर भड़के आचार्य प्रमोद कृष्णम

गाजियाबाद, 17 मार्च . मुगल शासक औरंगजेब और उसकी कब्र को लेकर महाराष्ट्र में विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सपा नेता अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ है कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता हर्षवर्धन वसंतराव सपकाल ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तुलना औरंगजेब से कर दी है. इस बयान पर महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है. कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने न्यूज एजेंसी से सोमवार को बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी.

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस राष्ट्रभक्त इंसान हैं और बहुत ही समझदारी के साथ बड़े शालीन सुसंस्कृत नेता हैं. भगवान की कृपा है कि वह दूसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने हैं. ऐसे नेता के बारे में कांग्रेस नेता का जो बयान है वह बहुत ही निंदनीय है. मैं समझता हूं कि ये राहुल गांधी के जो इस तरह के चंगू-मंगू हैं, उन्होंने ही कांग्रेस को बर्बाद किया है. देवेंद्र फडणवीस पर बयान देने वाले नेता को माफी मांगनी चाहिए.

वक्फ संशोधन बिल को लेकर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भारत की भूमि भारत की है. यह भूमि न हिन्दुओं की है और न ही मुसलमानों की. ये हिंदुस्तान की भूमि है और इस पर कब्जा करने की बात करना एक गैरकानूनी बात है. पूरी दुनिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा है. लेकिन, दुर्भाग्य की बात है कि भारत में रह रहे लोग भारत सरकार पर यकीन नहीं कर रहे हैं. ये देश का दुर्भाग्य है.

अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ पीएम मोदी के इंटरव्यू पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे व्यक्ति हैं जो हमेशा अपनी आलोचना करने वाले लोगों का स्वागत करते हैं, जिन्होंने उनका विरोध किया है, उन्होंने उसका भी स्वागत किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां एक तरफ सरदार पटेल के फॉलोअर हैं, वहीं दूसरी तरफ महात्मा गांधी को मानते हैं, स्वामी विवेकानंद उनके आदर्श हैं. पॉडकास्ट में पीएम मोदी आलोचना पर बात कर रहे हैं तो वह बिलकुल ठीक है. मैं उनकी बात से सहमत हूं. क्योंकि, इस देश में जो विपक्ष है उसका दिवाला निकल गया है. विपक्ष ने बौद्धिक चिंतन करना छोड़ दिया है. इनका बौद्धिक विकास नहीं हुआ है. ये पीएम मोदी के फैसलों की आलोचना नहीं करते. ये उनसे नफरत करते हैं. इसलिए जनता के दिलों से उतर चुके हैं.

औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर महाराष्ट्र में प्रदर्शन पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि इतिहास गवाह है कि औरंगजेब एक क्रूर शासक था. औरंगजेब ने हिंदुओं पर अत्याचार किया. वह हिन्दुओं को मुसलमान बनाना चाहता था. भारत में कुछ लोग औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग कर रहे हैं. मुझे लगता है कि इसकी इजाजत सनातन धर्म नहीं देता है. हम तो दुश्मन की मौत के बाद भी उसका सम्मान करते हैं. कब्रों को हटाना, मूर्तियों को तोड़ने की कार्रवाई पाकिस्तान, बांग्लादेश में हो सकती है. लेकिन, भारत में सनातन इसकी इजाजत नहीं देता है.

डीकेएम/जीकेटी