नई दिल्ली, 10 मई . महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने राम मंदिर को लेकर एक विवादित बयान दिया. नाना पटोले ने कहा, “हमारी सरकार आएगी तो राम मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा, चारों शंकराचार्यों को बुलाकर राम मंदिर में विधिवत पूजा कराई जाएगी. मंदिर परिसर में भगवान राम का दरबार भी बनेगा.”
इसे लेकर अब सियासत तेज हो गई है. नाना पटोले के इस बयान पर कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम और भाजपा के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
नान पटोले के इस बयान पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि यह बेहद भद्दा, बेहूदा और गंदा बयान है. जिस राम का नाम लेने से जिह्वा पवित्र होती है. जिस राम का नाम लेने से हमारा जीवन पवित्र होता है. जिस राम का नाम लेने से हमारे जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं. उस राम का मंदिर अशुद्ध है. कांग्रेस कहना क्या चाहती है कि राम मंदिर अशुद्ध है, मंदिर का शुद्धिकरण आप कराएंगे. आप पहले अपने दिमाग को तो शुद्ध करिए. अपने दिमागों में जो गंदगी भरी है, जो नफरत है, राम के प्रति, उसको बाहर निकालिए. राम का नाम सुनना नहीं चाहते हैं आप. राम मंदिर के निमंत्रण को आपने ठुकरा दिया.”
उन्होंने आगे कहा, “राम मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए 50 सालों तक कांग्रेस ने रोड़े अटकाए. जो राम मंदिर जाता है, उसे पार्टी से निकलवा देते हैं. अगर शुद्धिकरण करना है तो अपने दिमाग का करिए. अपनी पार्टी का करिए. इस कांग्रेस का करिए, जिसमें राम विरोधी तमाम एक गैंग बन गया है. इनका शुद्धिकरण करिए, ऐसे बयान देकर क्यों कांग्रेस पार्टी का राम नाम सत्य करना चाहते हैं.”
वहीं, विपक्ष के दावे कि देश में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार होता है, इस पर उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष मानसिक दिवालियापन की कगार पर है. विपक्ष देश के लोगों खासकर मुसलमानों को डराना चाहता है. विपक्ष को लगता है कि मोदी का भय दिखाकर मुसलमानों को डराया जा सकता है. जबकि, सच बात यह है कि पूरी दुनिया में जितना सुरक्षित मुसलमान भारत में है और कहीं भी नहीं है. विपक्ष ने कसम खा रखी है कि वह मुस्लिम और हिंदू के बीच में खाई पैदा करेंगे.”
नाना पटोले के बयान पर भाजपा नेता और पार्टी प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि जो लोग राम मंदिर बनवाना नहीं चाहते थे. उनका ये सब कहना बेतुका लगता है. ये वो लोग हैं जो राम मंदिर का निरंतर विरोध करते रहे. आज तक इनकी पार्टी का कोई भी नेता रामलला के दर्शन करने तक नहीं गया.”
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जीकेटी/