तेलंगाना में बिजली अधिकारी के ठिकानों पर एसीबी के छापे, 2 करोड़ जब्त

हैदराबाद, 16 सितंबर . तेलंगाना में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने Tuesday को बिजली विभाग के एक अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान अधिकारियों को 2 करोड़ रुपए नकद मिले, जिसे जब्त कर लिया गया है.

भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के अधिकारी Tuesday सुबह से ही सहायक मंडल अभियंता अंबेडकर और उनके रिश्तेदारों के घरों और ठिकानों की तलाशी ले रहे हैं.

हैदराबाद के मणिकोंडा इलाके में एडीई (सहायक मंडल अभियंता) के पद पर काम करने वाले अंबेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति जमा की है.

एसीबी की 15 टीमें शहर के कई इलाकों में छापेमारी कर रही थीं.

एसीबी अधिकारियों ने अंबेडकर के नाम पर तीन प्लॉटों की पहचान की है. इसके अलावा, गच्चीबावली इलाके में उनकी एक इमारत भी है.

तलाशी के दौरान अधिकारियों ने सोने के आभूषण भी जब्त किए. वे अब इन आभूषणों की कीमत का आकलन कर रहे हैं. इसके साथ ही, अधिकारी अंबेडकर और उनके रिश्तेदारों की संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच कर रहे हैं.

यह एक महीने से भी कम समय में एसीबी द्वारा पकड़ा गया आय से अधिक संपत्ति का दूसरा बड़ा मामला है.

इससे पहले 19 अगस्त को एसीबी ने एक तहसीलदार के ठिकानों पर छापा मारा था, जिसमें 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति का पता चला था.

अधिकारियों ने वारंगल जिले के वारंगल फोर्ट मंडल में तहसीलदार बांदी नागेश्वर राव से जुड़े सात ठिकानों पर तलाशी ली.

उनके और उनके रिश्तेदारों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान, एसीबी अधिकारियों को कई चल-अचल संपत्तियां मिलीं. इनमें एक मकान जिसकी कीमत 1.15 करोड़ रुपये है, 17.10 एकड़ कृषि भूमि जिसकी कीमत करीब 1.43 करोड़ रुपए है, 70 तोला सोने के आभूषण, 1.791 किलो चांदी, 23 कलाई घड़ियां, दो चार पहिया वाहन, एक दोपहिया वाहन और घरेलू सामान शामिल हैं. एसीबी ने बताया कि दस्तावेजों के अनुसार इन संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 5 करोड़ 2 लाख 25 हजार 198 रुपए है.

वहीं, 9 सितंबर को हैदराबाद में एक महिला टाउन प्लानिंग अधिकारी को Governmentी काम के लिए 4 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया.

एसीबी ने नरसिंगी नगरपालिका कार्यालय में नगर नियोजन अधिकारी मनिहारिका को रिश्वत लेते हुए पकड़ा.

उन्होंने भूमि नियमन योजना (एलआरएस) के तहत विनोद नामक व्यक्ति के आवेदन को मंजूरी देने के लिए उससे 10 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी. उन्हें 4 लाख रुपये लेते हुए पकड़ा गया था.

विनोद ने एसीबी में शिकायत की. इसके बाद एसीबी ने जाल बिछाकर अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ लिया.

एसएचके/डीएससी