झारखंड शराब घोटाले में जेल में बंद निलंबित आईएएस विनय चौबे को एसीबी कोर्ट ने दी जमानत

रांची, 19 अगस्त . झारखंड शराब घोटाला मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे को बड़ी राहत मिली है. एसीबी कोर्ट ने बीएनएसएस की धारा 187(2) के तहत Tuesday को उन्हें जमानत दे दी. कोर्ट ने शर्त रखी है कि जमानत पर रहने के दौरान उन्हें राज्य से बाहर जाने से पहले अदालत को सूचना देनी होगी. इसके अलावा वे ट्रायल के दौरान अपना मोबाइल नंबर नहीं बदल सकते हैं.

जमानत के लिए अदालत ने 25-25 हजार रुपये के दो निजी मुचलके भरने की शर्त भी लगाई है. दरअसल, विनय चौबे की गिरफ्तारी के 92 दिनों बाद भी एसीबी ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की थी. इसी आधार पर उन्हें राहत मिली. उनकी ओर से अधिवक्ता देवेश आजमानी ने पक्ष रखा. एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने 20 मई 2025 को करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद विनय चौबे को गिरफ्तार किया था.

इस घोटाले से संबंधित प्रारंभिक First Information Report में चौबे समेत कुल 13 लोगों को नामजद किया गया था. अब तक झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. विनय चौबे झारखंड के उत्पाद विभाग के सचिव, Chief Minister हेमंत सोरेन के सचिव और कई अन्य अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं. झारखंड में शराब घोटाले की शुरुआत वर्ष 2022 में हुई थी, जब छत्तीसगढ़ की तर्ज पर नई एक्साइज पॉलिसी लागू की गई थी.

इस पॉलिसी को लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड से करार किया गया. जांच में सामने आया कि नीति लागू करने की प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं. आरोप है कि विशेष सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में मनमाना बदलाव किया गया. इस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ की एक कंसल्टेंट कंपनी के सहयोग से झारखंड में शराब सप्लाई और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए.

जांच में यह भी पाया गया कि टेंडर प्रक्रिया के दौरान जमा की गई बैंक गारंटियां फर्जी थीं, जिससे State government को भारी आर्थिक नुकसान हुआ. झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड की आंतरिक अंकेक्षण रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि सात एजेंसियों ने State government को कुल 129.55 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया. हालांकि, इन आरोपों पर एसीबी तय समय सीमा में चार्जशीट दाखिल करने में नाकाम रही.

एसएनसी/एएस